52 शक्तिपीठों में से एक है अर्बुदा देवी मंदिर 

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राजस्थान के माउंट आबू में अर्बुदा देवी मंदिर स्थित है। यह मंदिर अरावली पर्वतमाला की श्रृंखला पर स्थित है।

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अरावली पर्वत पर अर्बुदा देवी मंदिर 

अर्बुदा देवी मां दुर्गा के रूप में मानी जाती है। मां दुर्गा के रूप अर्बुदा देवी को यह मंदिर समर्पित है।

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मां दुर्गा के रूप

अर्बुदा देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। यहां पर अलग-अलग भगवानों के कई छोटे-छोटे मंदिर हैं।

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52 शक्तिपीठों में से एक

मान्यता है कि शिव जी जब माता सती के विखंडित शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे तब माता की होठ यहां पर गिरे थे।

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शिव जी और माता सती से जुड़ी है मान्यता

अर्बुदा देवी मंदिर का इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है, पहले यहां लकड़ी का एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था।

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5000 साल से भी ज्यादा पुराना इतिहास

अर्बुदा देवी मंदिर का इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है, पहले यहां लकड़ी का एक छोटा सा मंदिर हुआ करता था।

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5000 साल से भी ज्यादा पुराना इतिहास

अमरख नामक राजा करीब 1200 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कराया।

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अमरख राजा ने कराया मंदिर का निर्माण

इसके बाद चौहान, सोलंकी राज वंशों के राजाओं ने मरम्मत समेत अन्य काम करवाया। साथ ही मंदिर की प्रसिद्धि और मान्यता का प्रचार किया।

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कई राज्यों ने कराया मरम्मत

माता अर्बुदा बहुत सी गोत्रों की कुलदेवी हैं। ये लोग यहां विशेष पूजा-अर्चना और पाठ करते हैं। साथ ही घर पर भी अर्बुदा देवी माता की पूजा करते हैं।

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गोत्रों की कुलदेवी हैं माता अर्बुदा

मंदिर में एक बड़ा सा आंगन है और आंगन में एक बेहद ही खूबसूरत भी तालाब है।

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मंदिर वातारण मनमोहक

यहां का वातावरण काफी शांत है। मंदिर के आंगन में संख्या में साधु-संत योग और साधना करते रहते हैं।

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