भारत के मिल्कमैन कहे जाने वाले वर्गीज कुरियन ने साल 1946 में त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर एक सहकारी समिति के रूप में अमूल की शुरुआत की थी। इसका अमूल नाम करीब 3 साल बाद पड़ा।
पहले सिर्फ 247 लीटर दूध
शुरुआत में दो गांव से एक दिन में सिर्फ 247 लीटर दूध इकट्ठा होता था।
432 गांवों से शुरू हुआ कलेक्शन
साल 1948 में जब अमूल से 432 गांव जुड़े तो दूध का कलेक्शन 5 हजार लीटर तक पहुंच गया।
हर दिन 2.63 करोड़ दूध
आज करीब 77 साल बाद अमूल हर दिन 2.63 करोड़ लीटर दूध इकट्ठा करता है।
36 लाख से ज्यादा किसान जुड़े
वर्तमान में अमूल से 18 हजार 600 गांवों के 36.4 लाख दुग्ध उत्पादक किसान जुड़े हुए हैं।
हर दिन 150 करोड़ की कमाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी हर दिन करीब 150 करोड़ रुपये का कारोबार कर रही है।
देशभर में 87 प्लांट
बता दें, देशभर में अमूल के 87 प्लांट हैं। इनमें से 30 प्लांट अकेले गुजरात में हैं।