चुनाव तारीखाें के ऐलान से कलेक्टर बने 'बाहुबली'चुनाव तारीखाें के ऐलान से कलेक्टर बने 'बाहुबली'Ashutosh Ojhaपावरफुलचुनावों के दौरान कलेक्टर ज्यादा पावरफुल बन जाते हैं। आचार संहिता लागू होते ही बड़े से बड़े जनप्रतिनिधि का रुतबा काम नहीं आता। आइए जानते हैं.जिला निर्वाचन अधिकारीआचार संहिता लगते ही कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी बन जाते हैं और वह सीधे इलेक्शन कमीशन को रिपोर्ट करते हैं।कलेक्टर से परमीशन चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की रैली या प्रचार कार्यक्रम की भी जिले के कलेक्टर से परमिशन लेनी होती है। न होगा।संविधान ने दी है व्यवस्थाचुनाव आयोग के पास खुद का अपना बहुत बड़ा प्रशासनिक ढांचा नहीं होता, इसलिए संविधान के आर्टिकल 324 में ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।प्रशासनिक ढांचाइस व्यवस्था के अनुसार देशभर का समूचा प्रशासनिक ढांचा चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों पर कार्य करता है।एक्शन लेने का अधिकार चुनाव के दौरान अगर आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर डीएम को सीधे एक्शन लेने का अधिकार होता है।