IIT से पढ़े 7 इंजीनियर  जो बन गए संन्यासी

Ashutosh Ojha

स्वामी मुकुंदानंद

आध्यात्मिक गुरु, लेखक, वेदों के जानकार के तौर पर मशहूर स्वामी मुकुंदानंद ने IIT दिल्ली से BTech और IIM कोलकाता से MBA की पढ़ाई की है।

गौर गोपाल दास

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में जन्मे गौर गोपाल दास ने पुणे से इलेक्ट्रिल इंजीनियरिंग में डिग्री ली है। 1996 तक हेवलेट पैकर्ड (HP) में काम करने के बाद वे इस्कॉन से जुड़े और संन्यासी बन गए।

गौरांग दास 

भारत के जाने-माने आध्यात्मिक गुरु के तौर पर अपनी पहचान बना चुके गौरांग दास ने 1989 से 1993 के बीच IIT बॉम्बे से BTech किया है। पढ़ाई के तुरंत बाद ही वे इस्कॉन मुंबई के साथ जुड़कर साधु बन गए थे।

संदीप कुमार भट्ट 

संदीप कुमार भट्ट ने IIT Delhi से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। Larsen & Toubro में 3 साल नौकरी करने के बाद 2007 में सिर्फ 28 साल की उम्र में वे संन्यासी बन गए और उन्होंने अपना नाम स्वामी सुंदर गोपालदास रख लिया।

अविरल जैन 

IIT BHU से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अविरल ने Walmart कंपनी में नौकरी की। वह 2019 में नौकरी छोड़कर संन्यासी बन गए।

संकेत पारेख 

IIT बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वाले संकेत जैन धर्म से इतना प्रभावित हुए कि वो सब कुछ छोड़कर संन्यासी बन गए।

मधु पंडित दासा 

मधु पंडित दासा ने IIT बॉम्बे में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपना जीवन इस्कॉन को समर्पित कर दिया। वह वर्तमान में इस्कॉन बैंगलोर के अध्यक्ष भी हैं।