घर बैठे एक साथ करें 12 Jyotirlinga के दर्शन

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गुजरात में अगर सागर के स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में पहले स्थान पर आता है। इस मंदिर की कीर्ति और महिमा दूर-दूर तक फैली थी। लिहाजा इस मंदिर को लूटेरों ने कई बार लूटा। महमूद गजनवी ने 1025 में इस मंदिर पर बड़ा हमला किया। उसने इस मंदिर की सारी संपत्ति लूट ली और मंदिर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। 

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सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somnath Jyotirlinga)

कृष्णा नदी के किनारे आंध्र प्रदेश में श्रीशैल पर्वत के ऊपर स्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में दूसरे स्थान पर आता है। श्रीशैल नाम से भी प्रसिद्ध यह मंदिर द्रविड़ शैली में बना है। सातवाहन साम्राज्य ने पहली सदी में इस मंदिर का निर्माम कराया था। 

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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग (Mallikarjuna Jyotirlinga)

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में तीसरे स्थान पर आता है। यहां की भस्म आरती काफी प्रसिद्ध है। मुर्दों की ताजा राख से भस्म आरती में शिवलिंग को लेपा जाता है। इस भस्म आरती को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं। 

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga)

उज्जैन से करीब 80 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के किनारे स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में चौथे स्थान पर आता है। मंदिर ऊपर से ॐ की आकृति में दिखाई देता है। मुताबिक राजा मान्धाता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें यहीं अपना रूप दिखाया था। तभी से यहां शिव जी ज्योतिष समान ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान है। 

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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग (Omkareshwar Jyotirlinga)

उत्तराखंड में हिमालय पर स्थित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में पांचवें स्थान पर आता है। यहां सर्दियों में यहां बहुत अधिक मात्रा में बर्फ जमी रहती है। इसलिए गर्मियों में यहां जाना सही रहता है। शिव पुराण के मुताबिक जो भी व्यक्ति इस मंदिर में दर्शन के लिए आता है उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। 

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केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (Kedarnath Jyotirlinga)

महाराष्ट्र के पुणे में भीमा नदी के किनारे स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में छठे स्थान पर है। शिवलिंग बहुत मोटा होने के कारण इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी पूकारा जाता है। मान्यता के मुताबिक जो भी जातक इस मंदिर में बारहों ज्योतिर्लिंगों का नाम जपते हुए दर्शन के लिए आते हैं, उनके सारे पाप धुल जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

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भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirlinga)

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी के किनारे स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में सातवें स्थान आता पर है। राजा हरिश्चंद्र ने इस मंदिर का 11वीं सदी में निर्माण करवाया था, लेकिन इसके कुछ ही समय बाद मोहम्मद गोरी ने इस मंदिर को तोड़ दिया। इसके बाद रानी अहिल्याबाई ने 1780 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। 

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काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Kashi Vishwanath Jyotirlinga)

महाराष्ट्र के नासिक में ब्रह्मागिरी पर्वत पर स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में आठवें स्थान पर आता है। यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं की पूजा एक साथ रखी जाती है। हेमाडपंती शैली में बने इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है।

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त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग (Trimbakeshwar Jyotirlinga)

झारखंड के देवघर में स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवें स्थान पर आता है। यहां का श्रावण मेला दुनिया भर में प्रसिद्ध है जिसमें लाखों श्रद्धालु 'बोल-बम! बोल-बम!' का जयकारा लगाते हुए शिवजी के दर्शन के लिए आते हैं।

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वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग (Vaidyanath Jyotirlinga)

गुजरात में द्वारकाधीश मंदिर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ज्योतिर्लिंगों में दसवें स्थान पर आता है। शिव जी नागों के देवता भी माने जाते हैं इसलिए इस मंदिर का नाम नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर पड़ा है। मान्यता है कि द्वापर में पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। 

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नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshwar Jyotirlinga)

हिंद महासागर के किनारे तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले स्थित में स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में ग्यारहवें स्थान पर आता है। भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के बाद रामेश्वरम के समुद्री किनारे यहीं पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी। मान्यता के मुताबिक यहां 2 शिवलिंग है, एक जिसे हनुमान जी कैलाश पर्वत लेकर आए थे और दूसरा माता सीता ने अपने हाथों से बनाया था।

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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirlinga)

महाराष्ट्र के दौलताबाद में स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में बारहवें स्थान पर आता है। इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित है। यह मंदिर लाल पत्थरों से बना हुआ सबसे छोटा मंदिर है।

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घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग (Grishneshwar Jyotirlinga)