नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर पंजाब से संबंधित विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर अहम विचार-चर्चा की। उन्होंने वित्त मंत्री से स्वर्ण मंदिर के पास बनी सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए सांसद चड्ढा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है। जिस पर वित्त मंत्री ने आश्वासन देते कहा कि उनकी सभी मांगों पर गंभीरता के साथ विचार किया जाएगा।
राघव चड्ढा ने केंद्रीय मंत्री से किसानों के लिए विशेष वित्तीय पैकेज देने की भी मांग की। उन्होंने राज्य में तेजी से घटते भू-जल के मुद्दे को गंभीरता के साथ उठाते हुए कहा कि पंजाब और उसके किसानों को बचाने के लिए केंद्र सरकार को इस समस्या पर तुरन्त ध्यान देने की आवश्यकता है।
आप सांसद ने वित्तमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में लिखा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वर्ण मंदिर के पास बनी सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले से सिख धर्म के अनुयायियों और देश भर से श्री दरबार साहिब के दर्शन करने वाले भक्तों में भारी रोष पाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह सभी भारतीय इक ओंकार (एक ईश्वर) पर विश्वास रखते हैं, उसी तरह पवित्र स्वर्ण मंदिर से भी लोगों की आस्था जुड़ी है। दुनिया भर से प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र स्थल के दर्शन करने आते हैं।
राघव चड्ढा ने कहा कि स्वर्ण मंदिर के आसपास बनी सरायों की तुलना किसी होटल से नही की जा सकती, क्योंकि इन्हें श्रद्धालुओं की सुविधा और सेवा की भावना से बनाया गया है। सरायों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय संगत पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालने के समान है। सरकार को अपना ये फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए।
सांसद चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सरायों से वसूला जाने वाला जीएसटी, पवित्र स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने वाले प्रत्येक भक्त की आस्था से कभी भी बड़ा नहीं हो सकता। सरकार का यह कदम हमें मुगल काल की याद दिलाता है, जब औरंगजेब ने तीर्थ यात्रियों पर जजिया टैक्स लगाया था।
पंजाब में भू-जल स्तर में भारी गिरावट का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाते हुए राघव चड्ढा ने सरकार से पंजाब को तत्काल वित्तीय पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंजाब में घटते भू-जल स्तर की समस्या से उबारने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही पंजाब को अतिरिक्त जल संसाधन दे।
राघव चड्ढा ने वित्तमंत्री को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा कि “पंजाब वह राज्य है जिसने 60 और 70 के दशक में जब पूरा देश अनाज की कमी से जूझ रहा था, तब देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया था। पंजाब ने हरित क्रांति का नेतृत्व किया और धान उगाने की पहल की जो कभी हमारे मुख्य आहार का हिस्सा नहीं था। धान की खेती के कारण राज्य के भू-जल स्तर में भारी कमी आई है। अब यह समस्या और गंभीर हो गई है, इसमें तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। पंजाब और उसके किसान राष्ट्र के लिए खड़े हुए और संकट के समय में एक बड़ा बलिदान दिया।
राघव चड्ढा ने वित्तमंत्री को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा कि आज केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह राज्य को इस संकट से निपटने और सक्षम बनाने के लिए जल्द से जल्द वित्तीय पैकेज के रूप में सहायता प्रदान करे।