अररिया से अरुण कुमार की रिपोर्ट: भारतीय और नेपाली छात्र-छात्राओं को फर्जी सर्टिफिकेट देने के आरोप में नेपाल केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो (CIB) ने विराटनगर नोबेल मेडिकल कॉलेज, काठमांडू मेडिकल कॉलेज के संचालक और नेपाली कांग्रेस के क्षेत्र संख्या 3 के सांसद डॉ. सुनील शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
परिजनों में मच गया हड़कंप
इससे भारत और नेपाल दोनों ओर चिकित्सा जगत से जुड़े और मेडिकल के छात्र-छात्राओं सहित परिजनों में हड़कंप मच गया है। दरअसल, भारतीय क्षेत्र सहित कई अन्य देशों के छात्र-छात्राओं के परिजनों द्वारा कथित बड़ी रकम डोनेशन देकर एडमिशन की चर्चाएं काफी दिनों से चल रही हैं। CIB ने कई पुख्ता सबूत जुटाने के बाद नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सांसद को गिरफ्तार कर लिया। सीआईबी फिलहाल उनसे पूछताछ में जुट गई है।
कई मेडिकल संस्थाओं के मालिक
भारतीय क्षेत्र में भी चलने वाले कई मेडिकल कॉलेज के तार भी इस मामले में जुटे होने की चर्चाएं सीमा पार सूत्रों ने अनौपचारिक रूप से दी हैं। इसलिए सीमा पर तैनात भारतीय गुप्तचर व अन्य एजेंसियां भी सतर्क हैं। इस गिरफ्तारी से नेपाल के तराई इलाकों में हड़कंप मचा हुआ है। इंडिया की जाली डिग्री पर चीन से MBBS करने का भी मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि आरोपी सांसद नेपाल में कई मेडिकल संस्थाओं के मालिक हैं। इसके तार बिहार से भी जुड़ रहे हैं। उनके साथ बाकी आठ डॉक्टरों की भी गिरफ्तारी हुई है।
सांसद ने चीन में की एमबीबीएस
जानकारी के अनुसार, बिहार से फेक सर्टिफिकेट बनवाकर नेपाली कांग्रेस के सांसद ने चीन में एमबीबीएस कर ली। इसके बाद उन्होंने नेपाल में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले कई संस्थान खोल दिए। सांसद डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बिहार से हायर सेकेंड्री की डिग्री खरीदी और उसका इस्तेमाल चीन में हायर स्टडीज (MBBS) के लिए किया। नेपाल पुलिस के केंद्रीय जांच ब्यूरो (CIB) की एक टीम ने नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रतिनिधि सभा के सदस्य सुनील शर्मा को काठमांडू से गिरफ्तार कर लिया।
बिहार के फारबिसगंज से की थी एमबीबीएस
ये गिरफ्तारी नेपाल ने काठमांडू के गोलफुटार इलाके से की। गिरफ्तार डॉक्टरों पर एमबीबीएस के लिए जरूरी इंटरमीडिएट विज्ञान (आईएससी) की डिग्री भारत से फर्जी आधार पर हासिल करने का आरोप है। भारत से ली गई डिग्री के आधार पर चीन सहित दूसरे देशों से एमबीबीएस बनने की बात कही जा रही है। नेपाल पुलिस के अनुसार, डॉ. सुनील शर्मा ने एमबीबीएस की स्टडी से पहले बिहार के फारबिसगंज के देवराहा बाबा कॉलेज (बीडीबीकेएस) से 1994-1996 तक फारबिसगंज के देवराहा बाबा कॉलेज में I.Sc की पढ़ाई की थी। इंटरमीडिएट विज्ञान में उन्होंने 722 नंबर हासिल किए थे। नेपाल खुफिया एजेंसी सीआईबी समेत मेडिकल काउंसिल और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की जॉइंट टीम ने 2015 में जांच के दौरान उसे नकली पाया था। सांसद की गिरफ्तारी के बाद चिकित्सकों को भी फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार किया गया।
पटना बोर्ड ऑफिस में नहीं मिला दस्तावेज
ये मार्कशीट बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल पटना से जारी दिखाई गई। दो साल पहले सुनील शर्मा के सर्टिफिकेट के वेरिफिकेशन के लिए नेपाल से एक स्पेशल टीम फारबिसगंज और पटना के बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के ऑफिस में गई थी। मगर पटना बोर्ड ऑफिस में इससे जुड़ा कोई भी दस्तावेज नहीं मिला। डॉ. शर्मा इसी सर्टिफिकेट के आधार पर एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए चीन गए और वहां से एमबीबीएस की पढ़ाई कर नेपाल लौटे।
नेपाल की खुफिया एजेंसी का ऑपरेशन
नेपाल पुलिस की खुफिया एजेंसी केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर एमबीबीएस की डिग्री लेने वालों के खिलाफ ऑपरेशन ‘क्वॉक’ चलाया था। जिसमें अब तक 59 डॉक्टरों को नेपाल मेडिकल काउंसिल के सहयोग से गिरफ्तार किया जा चुका है। सीआईबी के तत्कालीन प्रमुख प्रहरी नायब महानिरीक्षक नवराज सिलवाल की अगुवाई में अभियान की शुरुआत की गई थी। जांच में 109 डॉक्टरों के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर एमबीबीएस करने की बात सामने आई थी। इसी लिस्ट में सबसे बड़े नाम के तौर पर नेपाली कांग्रेस के सांसद डॉ. सुनील शर्मा शुमार थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए सुनील शर्मा कुछ दिनों के लिए जापान चले गए थे। इसके बाद मामला ठंडा होने पर नेपाल लौटे।