Saturday, 20 April, 2024

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Corona की चपेट में आए भारतीयों को फेफड़ों में दिक्कत की शिकायत, स्टडी में खुलासा

Lung Damage Problem After Acute COVID: कोरोनावायरस की चपेट में आए भारतीय लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है। हाल ही में, एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि जिन भारतीयों को अक्यूट कोविड हुआ था उनमें लंग्स डैमेज होने के मामले काफी दिख रहे हैं। जानिए पूरी खबर क्या है।

Edited By : Prerna Joshi | Updated: Feb 27, 2024 17:53
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Lung Damage Problem After Acute COVID
Lung Damage Problem After Acute COVID

Lung Damage Problem After Acute COVID: कोरोना को फैले कई साल बीत चुके हैं। यह पिछले चार सालों से ज्यादा टाइम से वैश्विक स्वास्थ्य जोखिम बना हुआ है। इसके शुरू होने से अब तक लगभग 70.36 करोड़ से ज्यादा लोगों को यह अपना निशाना बना चुका है और हैरानी की बात तो यह है कि उनमें से 69.86 लाख लोगों की मौत हो गई है। कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हुए लोगों में कई तरह की समस्याएं देखी जा रही हैं।

कोविड पॉजिटिव रहे लोग ठीक तो हो गए लेकिन उनमें दिल, मेटाबॉलिज्म और दिमाग से जुडी कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं।

हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि कोरोना पॉजिटिव रहे भारतीय लोगों के फेफड़े इससे प्रभावित हुए हैं। फेफड़ों की समस्याओं को लेकर अलर्ट किया गया है।

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कोरोना का भारतीयों के फेफड़ों पर असर

स्टडी के मुताबिक कोरोना के गंभीर मामलों के बाद ज्यादातर भारतीयों में फेफड़ों के काम करने की क्षमता में काफी गिरावट देखी जा रही है। आधे से ज्यादा लोगों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत भी बताई है। यह चिंता का विषय है, जिसे लेकर सब लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।

फेफड़ों के काम करने पर पड़ा असर

कोरोना की वजह से होने वाली दिक्कतों के बारे में जानने के लिए क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के शोधकर्ताओं ने स्टडी की है।

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स्टडी में 207 प्रतिभागियों की जांच में उनमें होने वाली दिक्कतों को समझने की कोशिश की गई और पता चला कि गंभीर बीमारी से ठीक होने के एवरेज दो महीने से ज्यादा टाइम के बाद भी काफी भारतीयों ने फेफड़ों से जुड़ी दिक्कतों की शिकायत की। इसमें 49.3 परसेंट में सांस की तकलीफ और 27.1 प्रतिशत में खांसी की शिकायत देखी गई।

सीएमसी वेल्लोर में पल्मोनरी मेडिसिन के प्रोफेसर और स्टडी के लीड रिसर्चर डी जे क्रिस्टोफर ने कहा कि स्टडी से यह साफ है कि बीमारी की गंभीरता की हर क्लास में बाकी देशों के डेटा की तुलना में भारतीय आबादी में फेफड़ों के काम पर इसका ज्यादा असर पड़ा है।

क्रिस्टोफर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया हालांकि भारतीय लोगों में इतने नुकसान की सटीक वजह जानना नामुमकिन है। पहले से बीमारी से पीड़ित रहना फेफड़ों को नुकसान पहुंचने का एक कारक हो सकता है क्योंकि बाकी की तुलना में भारत की जनसंख्या में लोगों के और भी बीमारियों से पीड़ित रहने की दर ज्यादा थी।

First published on: Feb 27, 2024 05:53 PM

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