Wednesday, 17 April, 2024

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हर संकट की काट है भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र

Mahamrityunjay Mantra: कई बार भक्तों पर ऐसा कोई संकट आ जाता है जिसका कोई समाधान नहीं दिखाई देता। उस समय भगवान शिव की शरण में जाने पर समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। विशेष कर ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान करने से व्यक्ति को तुरंत आराम मिलता है। ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: May 25, 2023 15:49
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Mahamrityunjay Mantra: कई बार भक्तों पर ऐसा कोई संकट आ जाता है जिसका कोई समाधान नहीं दिखाई देता। उस समय भगवान शिव की शरण में जाने पर समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। विशेष कर ऐसे में महामृत्युंजय मंत्र का अनुष्ठान करने से व्यक्ति को तुरंत आराम मिलता है।

ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र के जप से असंभव भी संभव हो जाता है। यही कारण है कि इस मंत्र को गायत्री मंत्र के समान शक्तिशाली और अचूक बताया गया है। महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद सहित अन्य वेदों में भी मिलता है। जानिए इस मंत्र का अनुष्ठान कैसे और किस प्रकार किया जाना चाहिए।

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क्या है महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra)

यह भगवान शिव का महामंत्र है जो अकाल मृत्यु, दुर्भाग्य तथा समस्त प्रकार के रोग और शोक का नाश करने वाला है। इसके प्रयोग से हर चीज को संभव बनाया जा सकता है। मंत्र निम्न प्रकार है-

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

अर्थात् हम उन भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो हर श्वास में जीवन शक्ति का संचार करते हैं और पूरे जगत का पालन-पोषण करते हैं। वे शिव हमें समस्त बंधनों से मुक्त कर मृत्यु के भय का नाश कर मोक्ष प्रदान करें।

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कैसे करें महामृत्युंजय अनुष्ठान

शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र के कई अलग-अलग प्रयोग हैं। इनमें सबसे छोटा प्रयोग 1100 जप का है जिसे किसी शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में आरंभ कर एक ही दिन में पूरा करना होता है। इसके बाद 24,000 जप तथा सवा लाख का अनुष्ठान भी किया जाता है। सवा लाख मंत्र जप अनुष्ठान का प्रयोग भाग्य को बदलने और दुर्भाग्य का नाश करने के लिए किया जाता है। समाज अथवा देश का हित करने के लिए इसका सवा करोड़ जप अनुष्ठान किया जाता है।

मंत्र अनुष्ठान से होते हैं ये लाभ

  1. इस मंत्र के प्रयोग से व्यक्ति को अकाल मृत्यु तथा समस्त प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। असाध्य रोग भी इससे सही हो जाते हैं।
  2. भगवान शिव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और भक्तों को जीवन में कभी किसी तरह का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है।
  3. ग्राम, नगर अथवा देश पर अचानक आने वाली विपत्तियों को टालने के लिए यह अचूक प्रयोग है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: May 25, 2023 03:21 PM

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