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पहली बार गाजियाबाद के 19 ट्रांसजेंडरों को मिलीं सरकारी ID, जानें सरकार की क्या है योजना

Ghaziabad: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में 19 ट्रांसजेंडर (transgenders) लोग सरकारी पहचान पत्र (Identity Card) पाने वाले यूपी के पहले लोगों में शामिल हुए हैं। अब तक समाज कल्याण विभाग ने राज्य भर में ट्रांसजेंडर लोगों को 72 आईडी कार्ड जारी किए हैं। गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों से इस काम में […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 19, 2022 18:48
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Ghaziabad: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में 19 ट्रांसजेंडर (transgenders) लोग सरकारी पहचान पत्र (Identity Card) पाने वाले यूपी के पहले लोगों में शामिल हुए हैं। अब तक समाज कल्याण विभाग ने राज्य भर में ट्रांसजेंडर लोगों को 72 आईडी कार्ड जारी किए हैं। गैर सरकारी संगठनों के प्रयासों से इस काम में काफी मदद की। ये लोग अपनी आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे थे। बता दें कि सरकार की मंशा सिर्फ आई कार्ड देने तक की ही नहीं है, बल्कि रोजगार देने की भी है।

कौशल विकास कार्यों से भी जोड़ा जाएगा

सरकारी अधिकारी और एनजीओ कार्यकर्ता ने बताया कि ट्रांसजेंडर लोगों को कौशल विकास के लिए प्रेरित करने की कोशिश है। अधिकारियों ने बताया कि कौशल विकास के तहत इन लोगों को हैयर सैलून और कंप्यूटर वर्क में प्रशिक्षित किया जाएगा। गाजियाबाद के जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह ने बताया कि प्रक्रिया शुरू करने के पीछे मूल उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय के आसपास की रूढ़ियों को तोड़ना या समाप्त करना है। ये सामाजिक रूप से उनके जीवन में बाधा खड़ी करते हैं। साथ ही लोग उन्हें गलत प्रकार के कार्यों से भी जोड़ते हैं।

प्रशिक्षण के बाद सामान्य कार्यालयों में करेंगे काम

पहचान पत्र और प्रमाण पत्र के अलावा विभाग इस समुदाय को कौशल विकास के लिए भी प्रेरित कर रहा है। इसके तहत सैलून में प्रशिक्षण और कंप्यूटर प्रशिक्षण से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद ये लोग भी जल्द सामान्य कार्यालयों में काम करेंगे। हाल ही में राज्य सरकार ने इस समुदाय के बारे में अपना व्यापक संवेदीकरण अभियान और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार को यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड का नाम बदलकर ‘ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड’ किया था।

परिवार और समाज में पक्षपात का करते हैं सामना

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई ट्रांसजेंडर लोगों को अपने परिवारों में पक्षपात का सामना करना पड़ता है। इस कारण वह अपना घर छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। सिंह ने कहा ट्रांसजेंडर लोग अक्सर हिंसा का शिकार होते हैं। उन्हें रहने के लिए एक सुरक्षित जगह की जरूरत होती है। इसके लिए सरकार ‘गरिमा गृह’ की स्थापना कर रही है। यह खासतौर पर ट्रांसजेंडरों के लिए बनाए गए आश्रय गृह होंगे।

300 ट्रांसजेंडरों के साथ काम कर रही है संस्था

दिल्ली स्थित एक सामाजिक संगठन अभिव्यक्ति फाउंडेशन के शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हम वर्तमान में गाजियाबाद में 300 से अधिक ट्रांसजेंडर लोगों के साथ काम कर रहे हैं। मुख्य रूप से उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं। इसमें एचआईवी परीक्षण और अन्य स्वास्थ्य जांचें शामिल हैं। गाजियाबाद की रहने वाली समीना ने ट्रांसजेंडर कार्ड मिलने के बाद एक राहत की सांस ली।

‘अब हमें कोई फर्जी नहीं कहेगा’

उन्होंने कहा कि हमारे पास कोई पहचान पत्र न होने के कारण लोग हमें फर्जी समझते हैं। ये कार्ड उच्च शिक्षा प्राप्त करने, छोटे पैमाने पर व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक ऋण, कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए नामांकन में काम आएंगे। एक अन्य ट्रांसजेंडर मधु ने कहा कि पहचान पत्र हमारे अस्तित्व को पहचानने की दिशा में बड़ा प्रयास है। हमारे बारे में संवेदनशीलता को भी बढ़ाई जानी चाहिए।

First published on: Sep 19, 2022 06:48 PM

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