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Firozabad News: स्कूल की छत पर मासूम के साथ की थी हैवानियत, कोर्ट ने 7 साल बाद सुनाई ये कठोर सजा

Firozabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद (Firozabad) जिले में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक विजेंद्र पाल सिंह को 8 साल बच्चे (लड़का) के यौन उत्पीड़न के आरोप में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत (Court) ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है। मामला सात साल पहले का है। उस वक्त […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 16, 2022 15:40
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Firozabad News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फिरोजाबाद (Firozabad) जिले में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक विजेंद्र पाल सिंह को 8 साल बच्चे (लड़का) के यौन उत्पीड़न के आरोप में अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश की अदालत (Court) ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है। मामला सात साल पहले का है। उस वक्त बच्चा कक्षा 3 का छात्र था। कोर्ट ने आरोपी पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से आधी राशि का भुगतान बच्चे को को करने का आदेश दिया है।

वर्ष 2015 में बच्चे के साथ हुई थी घटना

घटना 14 मई 2015 की है। सरकारी शिक्षक विजेंद्र सिंह कथित तौर पर बच्चे को स्कूल की छत पर ले गया। उसके साथ दुर्व्यवहार किया। लड़के के परिवार की शिकायत के आधार पर शिक्षक के खिलाफ फिरोजाबाद के नरखी थाने में आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 507 (आपराधिक धमकी) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

बच्चे को दी थी जान से मारने की धमकी

मुकदमे के अनुसार आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को बताया तो उसे पीट-पीट कर मार डालेगा। बच्चे के पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मामले की जानकारी हुई। परिजनों के पूछने पर बच्चे ने घटना के बारे में बताया। कहा कि शिक्षक पिछले कई दिनों से उसका यौन शोषण कर रहा था। लड़के के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस उस पर आरोपित के साथ समझौता करने का दबाव बना रही थी।

बच्चे के बयान ने दिलाई आरोपी को सजा

इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा। जहां सात साल के बाद इस मामले में फैसला आया है। अतिरिक्त जिला सरकारी वकील संजीव शर्मा ने बताया कि सीआरपीसी 164 के तहत अदालत में बच्चे के बयान ने पूरे मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दोषी पाए जाने पर शिक्षक ने कोर्ट में सजा कम करने और कम कठोर सजा की गुहार लगाई। लेकिन कोर्ट ने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पाया कि उसने एक जघन्य अपराध किया है। बता दें कि आरोपी शिक्षक की उम्र अब 43 वर्ष है।

First published on: Sep 16, 2022 03:40 PM

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