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Waterfall in UP: चंदौली के जंगलों में मिला अनोखा खजाना, बनेगा ईको-टूरिज्म हॉट स्पॉट, जानें सबकुछ

Waterfall in UP: अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भी जल्द झरनों (Waterfall) वाला प्रदेश बनने जा रहा है। चंदौली जिले के घने जंगलों के बीच राजदरी जलप्रपात (झरने) को जल्द ही ईको-टूरिज्म हॉट स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को 2 करोड़ रुपये का प्रस्ताव […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 8, 2023 14:58
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Waterfall in UP: अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) भी जल्द झरनों (Waterfall) वाला प्रदेश बनने जा रहा है। चंदौली जिले के घने जंगलों के बीच राजदरी जलप्रपात (झरने) को जल्द ही ईको-टूरिज्म हॉट स्पॉट के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को 2 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही यहां टेंट हाउस समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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राजदरी-देवदारी से 25 किमी दूर है ये झरना

जानकारी के मुताबिक कई सौ साल पुराना घने जंगलों के बीच गंगा नदी पर यह झरना, विंध्य सर्किट के तहत एक सुंदर इकोटूरिज्म स्थल है। हालांकि राजदरी-देवदारी जलप्रपात से करीब 25 किमी दूर प्रकृति का यह अनोखा खजाना लापरवाही के कारण वर्षों से अस्तित्व में नहीं था, लेकिन राज्य सरकार की और से प्रदेश के नए पर्यटनों स्थलों की खोज में इसे चिह्नित किया गया है।

प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है यह इलाका

वाराणसी से लगे चंदौली जिले के औरवाटांड में प्राकृतिक झरनों, दुर्लभ ऐतिहासिक शैल चित्रों और अन्य प्राकृतिक सुंदरता के साथ इकोटूरिज्म की काफी संभावनाएं हैं। चंदौली की जिलाधिकारी ईशा दुहन ने बताया कि औरवाटांड को ईको-टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार को 2 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।

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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, राजस्व में होगी बढ़ोत्तरी

जिलाधिकारी ने बताया कि औरवाटांड तीन तरफ से प्राकृतिक घाटियों से घिरा हुआ है। लगभग 200 फीट की ऊंचाई से गिरने वाले झरने के चारों ओर दुर्लभ ऐतिहासिक शैल चित्र हैं। इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पादों और प्रौद्योगिकी के साथ एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

एडवेंचर स्पोर्ट्स भी कराए जाएंगे

उन्होंने बताया कि यहां एक स्थान से साइट-व्यू के साथ नेचर फोटोग्राफी की जा सकती है। इसके अलावा एडवेंचर टूरिज्म के लिए रॉक क्लाइंबिंग, जिप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वॉल, टायर नेट वॉल आदि होंगे।

मुख्य विशेषताओं में स्थानीय सामग्री और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्रशासनिक भवन का निर्माण, स्थानीय पत्थरों के साथ भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बांस से बनी दुकानें, सागौन की लकड़ी से बनी रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज आदि शामिल हैं।

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आसपास के जिलों से पहुंचेंगे लोग

उन्होंने बताया कि वाराणसी में तीर्थयात्रा के लिए आने वाले पर्यटन के लिए यह एक रोमांचकारी यात्रा भी होगी। इसके अलावा चंदौली के पास मिर्जापुर और सोनभद्र जैसे जिलों के लोग भी अपनी छुट्टियों को मनाने के लिए पहुंचेंगे। बता दें कि चंदौली जिले में चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य उन अभयारण्यों में से एक है, जो प्रकृति के अनोखे दृश्यों को खुद में संजाए हुए है।

सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में है शामिल

सुंदर पिकनिक स्थलों, घने जंगल और सुंदर झरनों से संपन्न यह क्षेत्र कभी एशियाई शेरों का घर हुआ करता था। राजदारी और देवदरी जैसे झरने बरसात के मौसम में अभयारण्य के हरे-भरे वातावरण में और ज्यादा सुंदर और आकर्षण बनाते थे। यहां कई गुफाओं और पहाड़ों की श्रंखला भी हैं। बताया गया है कि पड़ोसी जिला मिर्जापुर में वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ धाम की तर्ज पर सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक विंध्याचल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।

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First published on: Jan 08, 2023 02:32 PM

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