TrendingUP Lok Sabha Electionlok sabha election 2024IPL 2024News24PrimeBihar Lok Sabha Election

---विज्ञापन---

मेस के खाने की शिकायत करने वाले सिपाही के तबादले पर हाईकोर्ट की रोक, हाथ में थाली लेकर रोया था ‘जवान’ देखें

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने फिरोजाबाद पुलिस लाइन के मेस में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले फिरोजाबाद सिपाही के तबादले पर रोक लगा दी है। बता दें कि सिपाही मनोज कुमार को फिरोजाबाद से गाजीपुर जिले में ट्रांसफर किया गया था। न्यायमूर्ति […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Dec 11, 2022 12:25
Share :

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने फिरोजाबाद पुलिस लाइन के मेस में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले फिरोजाबाद सिपाही के तबादले पर रोक लगा दी है। बता दें कि सिपाही मनोज कुमार को फिरोजाबाद से गाजीपुर जिले में ट्रांसफर किया गया था।

न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने पुलिसकर्मी की ओर से दायर एक याचिका (उनके फिरोजाबाद से गाजीपुर में ट्रांसफर को चुनौती देने वाली) पर आदेश पारित किया। साथ ही सुनवाई की अगली तारीख पर राज्य सरकार को मामले में अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

खाने की थाली लेकर सड़क पर आ गया था सिपाही

जानकारी के मुताबिक कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें सिपाही मनोज कुमार कथित तौर पर खराब गुणवत्ता वाले भोजन की शिकायत कर रहा था। वीडियो इसी साल अगस्त में सोशल मीडिया परर वायरल हुआ था। सिपाही दाल-रोटी की थाली लेकर फिरोजाबाद रिजर्व पुलिस लाइंस के बाहर हाईवे पर आया था और खाने की गुणवत्ता की शिकायत की थी।

याचिकाकर्ता सिपाही के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि ट्रांसफर के आदेश से पता चलता है कि आदेश प्रशासनिक आधार पर था, क्योंकि याचिकाकर्ता ने फिरोजाबाद पुलिस लाइंस में मेस में परोसे जा रहे घटिया भोजन का विरोध किया था। इस विरोध पर पीड़ित सिपाही को गाजीपुर ट्रांसफर कर दिया गया है।

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को दिया 4-4 हफ्तों का समय

हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है। कोर्ट ने प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता के पास प्रति उत्तर (सरकार के जवाब पर अपना पक्ष रखना) हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय होगा। मामला की अगले सुनवाई 28 फरवरी को होगी।

साथ ही कोर्ट ने कहा है कि लिस्टिंग की अगली तारीख तक स्थानांतरण आदेश (दिनांक 20.09.2022) प्रभावी नहीं होगा, जब तक कि याचिकाकर्ता पहले से ही नई जगह पर शामिल नहीं हो जाता है।

First published on: Dec 11, 2022 12:25 PM
संबंधित खबरें
Exit mobile version