उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य में वृद्धावस्था पेंशन को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है. अब पात्र वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी. समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि फैमिली आईडी ‘एक परिवार-एक पहचान’ प्रणाली से पात्र लाभार्थियों का स्वतः चिन्हीकरण होगा और उनकी सहमति मिलने पर पेंशन सीधे स्वीकृत की जाएगी. वर्तमान में 67.50 लाख वरिष्ठ नागरिक इस योजना का लाभ ले रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो प्रक्रिया पूरी न कर पाने के कारण पेंशन से बाहर रह जाते हैं. नया फैसला इसी समस्या को हल करने पर केंद्रित है.
नई व्यवस्था में फैमिली आईडी के आधार पर उन नागरिकों की सूची स्वतः तैयार होगी, जिनकी आयु अगले 90 दिनों में 60 वर्ष होने जा रही है. यह सूची एपीआई के माध्यम से समाज कल्याण विभाग के पेंशन पोर्टल पर भेजी जाएगी. विभाग सबसे पहले एसएमएस, व्हाट्सऐप और फोन कॉल जैसे डिजिटल माध्यमों से पात्र नागरिकों से सहमति लेगा. जिनकी सहमति डिजिटल रूप से नहीं मिलेगी, उनसे ग्राम पंचायत सहायक, कॉमन सर्विस सेंटर या विभागीय कर्मचारी भौतिक रूप से संपर्क करेंगे. दोनों स्तरों पर सहमति न मिलने पर ऐसे नाम प्रक्रिया से हटा दिए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि सहमति मिलने के बाद योजना अधिकारी 15 दिनों के भीतर डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से पेंशन स्वीकृत करेंगे और स्वीकृति पत्र लाभार्थी को डाक से भेजा जाएगा. भुगतान सीधे आधार-लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा और हर किस्त की जानकारी एसएमएस द्वारा उपलब्ध होगी. सरकार एक मोबाइल ऐप भी उपलब्ध कराएगी, जिसमें लाभार्थी पासबुक की तरह अपने सभी भुगतान देख सकेंगे.










