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Ram Mandir: श्रीराम-जानकी प्रतिमाओं के लिए नेपाल से रवाना हुए दो शालिग्राम पत्थर, रास्ते में दंडवत हो गए लोग

Ram Mandir: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) के लिए नेपाल (Nepal) दो शालिग्राम पत्थरों (Shaligram Stones) को रवाना कर दिया है। इन दोनों शालिग्राम पत्थरों से भगवान राम और माता जानकी की मूर्तियां (Ram and Janaki Idols) तैयार की जाएंगी। ये दोनों पत्थर नेपाल से बिहार […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jan 30, 2023 11:15
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Ram Mandir: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) के लिए नेपाल (Nepal) दो शालिग्राम पत्थरों (Shaligram Stones) को रवाना कर दिया है। इन दोनों शालिग्राम पत्थरों से भगवान राम और माता जानकी की मूर्तियां (Ram and Janaki Idols) तैयार की जाएंगी। ये दोनों पत्थर नेपाल से बिहार के रास्ते अयोध्या पहुंच रहे हैं। लोग रास्ते में पत्थरों पर फूलों की वर्षा भी कर रहे हैं।

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नेपाल की काली गंडकी नदी से निकाला पत्थर

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नेपाल के म्यागडी और मस्तंग जिले से होकर बहने वाली काली गंडकी नदी में पाए जाने वाले शालिग्राम पत्थर जनकपुर्टो के रास्ते अयोध्या जा रहे हैं। इनके अयोध्या पहुचने के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा मूर्तियों का निर्माण शुरू किया जाएगा।

यहां काफी संख्या में पाए जाते हैं शालिग्राम पत्थर

माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर के रहने वाले नेपाली कांग्रेस के नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री बिमलेंद्र निधि की ओर से बताया गया है कि जानकी मंदिर से समन्वय के बाद दो पत्थरों को गंडकी नदी से निकाल कर भेजा जा रहा है। यहां शालिग्राम बहुतायत में पाए जाते हैं।\

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भगवान विष्णु के प्रतीक हैं शालिग्राम पत्थर

बिमलेंद्र निधि ने एएनआई को बताया कि गंडकी नदी में पाए जाने वाले पत्थर दुनिया में काफी प्रसिद्ध और कीमती हैं। माता जाता है कि ये पत्थर भगवान विष्णु के प्रतीक हैं। भगवान राम भगवान विष्णु के ही अवतार हैं, इसलिए गंडकी नदी से एक विशाल पत्थर से राम लला की मूर्ति बनाना बहुत अच्छा होगा। उन्होंने बताया कि राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की ओर से अनुरोध किया गया था।

नेपाल के प्रतिनिधियों ने किया था अयोध्या का दौरा

उन्होंने कहा कि मैंने अपने सहयोगी और जानकी मंदिर के महंत (पुजारी) राम तपेश्वर दास के साथ अयोध्या का दौरा किया। हमने ट्रस्ट के अधिकारियों और अयोध्या के अन्य संतों के साथ बैठक की। निर्णय लिया गया कि नेपाल की काली गंडकी नदी से पत्थरों की उपलब्धता पर राम लला की मूर्ति बनाना अच्छा होगा।

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एक 18 तो दूसरे पत्थर 16 टन का है

उन्होंने बताया कि काफी खोज के बाद दो पत्थरों को अंतिम रूप दिया है। इनमें से एक का वजन 18 टन और दूसरे का वजन 16 टन है। इन दोनों पत्थरों को तकनीकी और वैज्ञानिक मंजूरी दी गई है। निधि ने बताया कि दोनों शिलाओं के 1 फरवरी को अयोध्या पहुंचने की संभावना है। पत्थर ले रहे वाहन बिहार के मधुबनी स्थित पिपरौं गिरजास्थान से होकर गुजरेंगे। 1 फरवरी को अयोध्या पहुंचने से पहले दो स्थानों मुजफ्फरपुर और गोरखपुर में रात्रि विश्राम करेंगे।

बाद में नेपाल से श्रीराम का धनुष भी आएगा

नेपाली नेता ने बताया कि जानकी मंदिर की ओर से बाद में राम मंदिर के लिए धनुष भी भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या और जनकपुर ऐतिहासिक महत्व के स्थान हैं। राम और सीता की मूर्तियों को तराशने के लिए नेपाली पत्थरों का इस्तेमाल और नेपाल का धनुष दोनों देशों के बीच गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्ते को भी दर्शाता है।

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First published on: Jan 29, 2023 01:42 PM

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