Greater Noida News: देश के सबसे सनसनीखेज मामलों में से एक निठारी हत्याकांड में आरोपी सुरेंद्र कोली को आखिरकार 19 साल बाद आज आज़ादी मिल गई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम मामले में भी बरी किए जाने के बाद बुधवार को कोली को लुक्सर स्थित जिला जेल से रिहा कर दिया गया.
अब और जेल में रखना ठीक नहीं
कोली की रिहाई का आदेश सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने दिया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि कोली को अब और जेल में नहीं रखा जा सकता और उसे तत्काल रिहा किया जाए. हालांकि, मंगलवार को रिहाई नहीं हो सकी थी क्योंकि रिहाई परवाना (Release Warrant) शाम तक जेल प्रशासन तक नहीं पहुंच पाया था.
2006 का निठारी कांड जिसने देश को हिला दिया
वर्ष 2006 में नोएडा के निठारी गांव से कई बच्चों के कंकाल और अवशेष मिलने के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था. जांच में सामने आया कि घर में काम करने वाला सुरेंद्र कोली और मकान मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर इस भयावह कांड में शामिल थे. दोनों को गिरफ्तार किया गया और कई मामलों में फांसी की सज़ा तक सुनाई गई.
2023 में रिहा हुआ था पंढेर
हालांकि, वर्षों चली कानूनी प्रक्रिया के बाद साक्ष्यों की कमी और जांच में खामियों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने पंढेर को पहले ही वर्ष 2023 में बरी कर दिया था. अब कोली को भी अदालत ने सभी मामलों से मुक्त कर दिया है.
19 साल बाद मिली राहत
करीब दो दशक तक जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद कोली की रिहाई पर निठारी गांव और आसपास के इलाके में एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. कोली पिछले दो वर्षों से गाजियाबाद की डासना जेल से स्थानांतरित होकर लुक्सर जेल में बंद था.
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