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40 साल बाद ‘कांग्रेस’ करेगी वापसी या ‘बीजेपी’ तोड़ेगी रिकॉर्ड, यूपी की इस लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला

Kairana Lok Sabha Election: यह सीट साल 1962 में अस्तित्व में आई थी। इस सीट के अंतर्गत कैराना, शामली, थाना भवन, नुकुड़ और गंगोह कुल पांच विधानसभा आती हैं। कैराना लोकसभा सीट पर कुल करीब 17 लाख मतदाता हैं।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Mar 29, 2024 16:22
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Kairana Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियां तेज हैं, यूपी की बात करें तो यहां लोकसभा में कुल 80 सीटें है। इनमें से एक सीट है कैराना लोकसभा सीट, इस सीट पर पिछले 40 साल से कांग्रेस अपनी वापसी का इंतजार कर रही है। साल 1984 लोकसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस पार्टी के चौधरी अख्तर हसन चुनाव जीते थे। पिछले दो लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 से इस सीट पर बीजेपी की टिकट पर प्रदीप चौधरी सांसद हैं। 2024 में भी पार्टी ने तीसरी बार प्रदीप पर भरोसा जताते हुए चुनाव मैदान में उतारा है।

सपा ने इकरा हसन को बनाया उम्मीदवार 

जानकारी के अनुसार इस बार यूपी में बीजेपी और आरएलडी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं, कैराना सीट पर जाट और मुस्लिम बड़ा वोट बैंक है। वहीं, इस सीट पर एक चलन है कि यहां से एक पार्टी का कोई सांसद दो बार से अधिक चुनाव नहीं जीतता रहता है। इस बार यह भ्रम खत्म होगा या नहीं यह तो 4 जून को चुनाव नतीजे बताएंगे। उधर, इंडिया गठबंधन के तहत यूपी में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक साथ चुनाव मैदान में है। कैराना लोकसभा क्षेत्र से सपा ने इकरा हसन को अपना उम्मीदवार बनाया है।

पांच विधानसभा और 11 लाख वोटर

कैराना लोकसभा सीट के अंतर्गत कैराना, शामली, थाना भवन, नुकुड़ और गंगोह कुल पांच विधानसभा आती हैं। जिसमें 2 सीट पर बीजेपी के विधायक हैं, 2 पर आरएलडी और 1 सीट सपा पार्टी के पास है। जानकारी के अनुसार इस लोकसभा सीट पर कुल करीब 17 लाख मतदाता हैं। इनमें से 11 लाख से अधिक हिंदू और करीब साढ़े पांच लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इस सीट पर सबसे ज्यादा जाट वोट हैं, जानकारों की मानें तो इस सीट पर मुस्लिम-जाट का गठजोड़ जीत का निर्णय करता है।

सीट का यह है समीकरण

यह सीट साल 1962 में अस्तित्व में आई थी। सीट पर पहले लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी यशपाल सिंह जीते थे। साल 2019 लोकसभा नतीजों की बात करें तो बीजेपी के प्रदीप चौधरी ने 566961 वोट पाकर जीत दर्ज की थी। उनके बाद सपा की तब्बसुम हसन को 474801 और कांग्रेस के हरेंद्र सिंह मलिक को 69335 वोट मिले थे। सीट के दलित और मुस्लिम क्षेत्रों में बसपा का बड़ा वोट बैंक है।

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First published on: Mar 29, 2024 08:00 AM

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