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Joshimath Sinking: जोशीमठ में होटलों के तोड़े जाने से पहले विरोध प्रदर्शन, प्रभावितों ने की ये मांग

Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में मंगलवार को दो जर्जर हो चुके होटलों को गिराए जाने से पहले विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने विध्वंस की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ये स्पष्ट नहीं है कि जिन लोगों की संपत्तियों को गिराया जाना है उन्हें मुआवजा कैसे दिया जाएगा? होटल […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jan 11, 2023 12:45
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Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में मंगलवार को दो जर्जर हो चुके होटलों को गिराए जाने से पहले विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। प्रदर्शनकारियों ने विध्वंस की कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ये स्पष्ट नहीं है कि जिन लोगों की संपत्तियों को गिराया जाना है उन्हें मुआवजा कैसे दिया जाएगा?

होटल मलारी इन के मालिक टी सिंह राणा मंगलवार रात अपने पूरे परिवार के साथ होटल के बाहर धरने पर बैठे रहे। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा फ्रांस में रहता है, मैं कहीं भी जा सकता हूं लेकिन जोशीमठ के लोगों के लिए यहां बैठा हूं।

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बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत मुआवजे की मांग को लेकर होटल मालिक और स्थानीय लोग होटलों को गिराने के सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि ‘मलारी इन’ और ‘माउंट व्यू’ दोनों होटल अगल-बगल हैं जो एक-दूसरे की ओर झुक गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये दोनों होटल आसपास के घरों के लिए खतरा बन गए हैं।

सोमवार को उत्तराखंड सरकार ने दिए थे आदेश

उत्तराखंड सरकार ने सोमवार को अस्थिर संरचनाओं को गिराने का निर्देश दिया था, जिसकी शुरुआत इन दो इमारतों से हुई थी। लेकिन, जैसे ही राज्य आपदा राहत बल (SDRF) के जवान भारी मशीनरी के साथ साइट पर पहुंचे, होटल मालिक और अन्य प्रदर्शनकारी रास्ते में लेट गए।

विध्वंस के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध

स्थानीय निवासियों ने जोशीमठ में बिना मुआवजे की घोषणा के घरों और होटलों को गिराने का विरोध किया। विरोध प्रदर्शन मलारी इन होटल के बाहर हुआ, जिसे असुरक्षित चिन्हित किया गया था। होटल मलारी इन और अन्य असुरक्षित ढांचों को आज को गिराया जाना है। प्रदर्शनकारी अचानक विध्वंस के कदम के लिए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) की एक टीम ने मंगलवार को दो होटलों का सर्वेक्षण किया। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ सीपी कानूनगो ने बताया कि इमारतों को व्यवस्थित रूप से तोड़ा जाएगा और ढलान में भार को कम करने पर जोर दिया जाएगा। विध्वंस की प्रक्रिया चरणों में, ऊपर से नीचे तक की जाएगी और इसमें तीन से चार दिन का समय लगने का अनुमान है।

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अब तक 723 मकान क्षतिग्रस्त चिन्हित

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड के जोशीमठ में क्षतिग्रस्त घरों की संख्या 723 हो गई है। जोशीमठ नगर क्षेत्र में भूस्खलन के कारण कुल 723 भवनों में दरारें आ गई हैं और 131 परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है। क्षेत्र में 86 घर असुरक्षित क्षेत्र के रूप में चिन्हित हैं।जिला प्रशासन ने डूबते शहर में रहने के लिए असुरक्षित घरों पर रेड क्रॉस के निशान लगा दिए हैं।

इस बीच, घरेलू सामान खरीदने के लिए परिवारों को 5,000 रुपये और 10 क्षतिग्रस्त भवनों के मालिकों को 1.30 लाख रुपये प्रति भवन दिए गए हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को भोजन किट, दूध और कंबल भी वितरित किए।

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सुरक्षित निकासी प्राथमिकता है: NCMC

राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने मंगलवार को जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा की। इस बात पर जोर दिया कि प्रभावित क्षेत्र में सभी निवासियों की पूर्ण और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कमजोर संरचनाओं को सुरक्षित रूप से ध्वस्त करने को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बता दें कि जोशीमठ पवित्र धाम बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार है। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जोशीमठ में संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 16 जनवरी को सूचीबद्ध किया। तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए ‘लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थान’ हैं और सभी महत्वपूर्ण मामले हमारे यहां नहीं आने चाहिए।

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First published on: Jan 11, 2023 08:05 AM
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