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Greater Noida में लॉजिस्टक और ट्रांसपोर्ट हब परियोजना का रास्ता साफ; प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लगी मुहर

Greater Noida: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की दो महत्वकांक्षी परियोजनाओं को गति मिलने वाली है। मल्टी मॉडल लॉजिस्टक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए जमीन को अड़चन को दूर कर लिया गया है। दोनों परियोजनाओं के लिए 4 गावों की 44 हेक्टेयर जमीन पर परिसंपत्तियों की कीमत अदा करने के लिए ग्रेटर […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Jun 6, 2023 21:13
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Greater Noida: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की दो महत्वकांक्षी परियोजनाओं को गति मिलने वाली है। मल्टी मॉडल लॉजिस्टक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए जमीन को अड़चन को दूर कर लिया गया है। दोनों परियोजनाओं के लिए 4 गावों की 44 हेक्टेयर जमीन पर परिसंपत्तियों की कीमत अदा करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तैयार हो गया है।

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित 130वीं बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। बोर्ड बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण, नोएडा- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी, यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ अमनदीप डुली और एसीईओ आनंद वर्धन समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि मल्टी मॉडल लॉजिस्टक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए 14 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जिसमें से 83 हेक्टेयर को छोड़कर शेष जमीन पहले ही अधिग्रहीत कर ली गई है। उन्होंने बताया कि 83 हेक्टेयर जमीन चिटेहरा, कठहेड़ा, बोड़ाकी और पल्ला गांव की है। हाल ही में 83 में से 39 हेक्टेयर जमीन भी मिल गई है। शेष 44 हेक्टेयर जमीन में किसानों की परिसंपत्तियां हैं।

इतने करोड़ रुपये का आएगा अतिरिक्त खर्चा

किसान इन परिसंपत्तियों की कीमत मांग रहे हैं, जिनकी वजह से से जमीन नहीं मिल पा रही थी। इसलिए दोनों अहम परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ पा रहीं थीं। सीईओ रितु माहेश्वरी की पहल पर ये प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया। बोर्ड ने इस पर अनुमति दे दी है। इन चार गांवों की 44 हेक्टेयर जमीन में स्थित परिसंपत्तियों की कीमत का आकलन किया गया, जिससे लगभग 66.76 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च प्राधिकरण पर आएगा।

बता दें कि किसानों की परिसंपत्तियों के भुगतान पर अब तक निर्णय न हो पाने के कारण इन दोनों परियोजनाओं के लिए जमीन नहीं मिल पा रही थी। लंबे समय से यह मामला अटका हुआ था। अब यह मामला सुलझ गया है और अब दोनों परियोजनाओं के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। यहां के किसानों के लिए भी बड़ी उपलब्धि है।

क्या है मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब व लॉजिस्टिक हब?

बोड़ाकी के पास प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए 14 गांवों दादरी, जुनपत, चिटेहरा, कठहेड़ा, पल्ला, पाली, बोड़ाकी, थापखेड़ा आदि की जमीनें ली जा रही है। 478 हेक्टेयर जमीन पर ये दोनों प्रोजेक्ट तैयार किए जाएंगे।

मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के तहत रेलवे, बस अड्डा और मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। बोड़ाकी के पास ही रेलवे टर्मिनल बनाया जाएगा। इस पर रेलवे ने मंजूरी भी दे दी है। यहां से पूर्व की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर ट्रेनों का दबाव कम होगा।

मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब में अंतरराज्यीय बस अड्डा बनेगा। मौजूदा नोएडा-ग्रेनो मेट्रो रूट का विस्तार मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक होना है। ट्रांसपोर्ट हब से लोकल बसें भी चलाई जाएंगी। वहीं लॉजिस्टिक हब से उद्योगों के लिए माल ढुलाई की राह भी आसान हो जाएगी।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम मानी जा रही है। मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर जाने में चार से पांच दिन का समय लगता है। इसके शुरू होने के बाद माल डेढ़ दिन में पहुंच सकेगा। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे।

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First published on: Jun 06, 2023 09:13 PM

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