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नेकी हो तो ऐसी; ई-रिक्शा चालक को बैग में मिले ₹ 25 लाख, DCP ने भी किया सलाम

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में एक ई-रिक्शा चालक (E-Rickshaw Driver) ने ईमानदारी की ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने उसे सलाम किया है। जिला पुलिस के अधिकारियों ने उसे अपने कार्यालय में बुलाकर सम्मानित किया है। पूरे जिले में उसकी ईमानदारी की दाद दी जा रही […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Feb 9, 2023 11:51
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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में एक ई-रिक्शा चालक (E-Rickshaw Driver) ने ईमानदारी की ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने उसे सलाम किया है। जिला पुलिस के अधिकारियों ने उसे अपने कार्यालय में बुलाकर सम्मानित किया है। पूरे जिले में उसकी ईमानदारी की दाद दी जा रही है।

जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद पुलिस ने बताया कि किदवई नगर के रहने वाले आस मोहम्मद ई-रिक्शा चलाते हैं। उन्होंने मंगलवार को तिबरा रोड की ओर जाते समय मोदीनगर में एक सड़क पर लावारिस पड़ा बैग देखा।

500 रुपये के नोटों के 50 बंडल थे बैग में

डीसीपी (ग्रामीण) रवि कुमार ने बताया कि आस मोहम्मद उस बैग को लेकर मोदीनगर थाने पहुंचे और प्रभारी निरीक्षक को इसकी जानकारी दी। जब पुलिस अधिकारी ने बैग की जांच की, तो उसमें 500 रुपये के नोटों के 50 बंडल मिले। इनकी कुल कीमत 25 लाख रुपये है।

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लावारिस में पंजीकृत की पूरी रकम

डीसीपी ने बताया कि उन्होंने ई-रिक्शा चालक को प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया। डीसीपी ने कहा कि हमने नकदी को लावारिस धन के रूप में पंजीकृत किया है। पैसों के सही मालिक का पता लगाने के लिए एक टीम भी बनाई गई है। हालांकि अभी तक किसी ने इस रकम को लेकर कोई दावा नहीं किया है।

पहले सोचा बैग में बम था, लेकिन निकला कैश

इधर आस मोहम्मद ने बताया कि उसने दोपहर 1 बजे के आसपास बैग देखा। पहले तो उसे लगा कि बैग में बम रखा है, लेकिन जब उसने बैग खोला तो उसमें से काफी कैश निकला। उन्होंने पहले बैग मालिक का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन फिर वह यात्रियों को छोड़ने के बाद अपने दोस्त के घर चले गए। उसने पुलिस में बैग जमा करने की सलाह दी।

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मैं पैसे गंवाने की कीमत जानता हूंः ई-रिक्शा चालक

ई-रिक्शा चालक आस मोहम्मद ने कहा कि चूंकि मैं एक गरीब परिवार से हूं, इसलिए मैं पैसे की कीमत और इसे गंवाने वालों की पीड़ा जानता हूं। मैंने ईमारदारी से बस अपना काम किया है। बैग के सही मालिक का पता लगाने के लिए पुलिस काम कर रही है।

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First published on: Feb 08, 2023 07:25 PM

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