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इलाहाबाद HC ने कानपुर देहात मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी, UP सरकार बोली- हमने ये सख्त कदम उठाए 

Prayagraj: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कानपुर देहात (Kanpur Dehat Case) में महिला और उसकी बेटी की मौत के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी है। आरोप था कि कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान कथित तौर पर […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Feb 24, 2023 16:38
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Allahabad High court

Prayagraj: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कानपुर देहात (Kanpur Dehat Case) में महिला और उसकी बेटी की मौत के संबंध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से प्रगति रिपोर्ट मांगी है। आरोप था कि कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान कथित तौर पर दोनों को जला कर मार दिया गया था।

कोर्ट ने राज्य के गृह विभाग से मांगा हलफनामा

कोर्ट ने इस मामले में राज्य के गृह सचिव से हलफनामा भी मांगा है। कोर्ट की ओर से मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अवनीश कुमार पांडेय की जनहित याचिका पर दिया है।

याचिका में हाईकोर्ट से की गई है ये मांग

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक याचिका दायर की गई है, जिसमें मांग की गई है कि अदालत सरकार की ओर से शुरू की गई जांच में हस्तक्षेप करे और इसकी निगरानी करे। वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि घटना के बाद सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है। अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। दोषियों के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

सरकार की ओर से कोर्ट में दिया गया ये बयान

कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने विशेष जांच दल के साथ-साथ घटना की मजिस्ट्रियल जांच के भी आदेश दिए हैं। पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी गई है। बता दें कि कानपुर देहात क्षेत्र के मड़ौली गांव में 13 फरवरी को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान आग लगने से 44 वर्षीय महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई थी।

मामले के बाद इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ था मुकदमा

हालांकि पीड़ितों के परिवार ने आरोप लगाया था कि अभियान में लगे अधिकारियों ने घर में आग लगाई थी। महिला और बेटी घर के अंदर थे। आरोपों के आधार पर उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम), स्टेशन अधिकारी (एसएचओ) और लेखपाल (राजस्व अधिकारी) समेत एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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First published on: Feb 24, 2023 04:38 PM

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