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Rajasthan News: संजीवनी मामले में हाईकोर्ट ने एजीजी को लगाई फटकार, कहा- ‘कोर्ट अपने हिसाब से चलता है’

Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने संजीवनी घोटाला मामले में राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायाधीश कुलदीप माथुर की पीठ ने एजीजी अनिल जोशी के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि आप कभी आकर कुछ बोलते हैं, कभी कुछ। फिर कभी प्रार्थना पत्र आगे बढ़ाते हैं। आज नहीं, कल लगा दो, कल नहीं […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Apr 18, 2023 15:45
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Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने संजीवनी घोटाला मामले में राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायाधीश कुलदीप माथुर की पीठ ने एजीजी अनिल जोशी के प्रार्थना पत्र को खारिज करते हुए कहा कि आप कभी आकर कुछ बोलते हैं, कभी कुछ। फिर कभी प्रार्थना पत्र आगे बढ़ाते हैं। आज नहीं, कल लगा दो, कल नहीं तो परसों लगा दो, यह कोई तरीका नहीं है।

हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका के खिलाफ सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। राजस्थान सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि याचिकाकर्ता एसओजी की ओर से दर्ज किसी भी मामले में आरोपी नहीं है तो गिरफ्तारी की शंका गलत है।

प्रार्थना पत्र किया दायर

इसके बाद राजस्थान सरकार ने 14 अप्रैल को एक प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट में लगाया कि हमने जो वक्तव्य दिया था, वह हमसें गलत चला गया है। इस संबंध में राजस्थान सरकार के एजीजी अनिल जोशी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर करते हुए कहा कि सिंघवी दिल्ली से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे, जबकि आईओ कोर्ट में थे। इसलिए हम सिंघवी को बता नहीं पाए कि गजेंद्र सिंह आरोपी हैं।

शेखावत के वकील ने उठाए सवाल

इस पर शेखावत के अधिवक्ता आदित्य विक्रम सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं है कि राजस्थान सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता हाईकोर्ट में सही से बता नहीं पाए हों, क्योंकि उस दिन कोर्ट में आईओ भी थे, एएजी भी थे और उनके बाकी अधिवक्ता भी थे। किसी ने भी उस वक्तव्य को सुधारा क्यों नहीं।

प्रार्थना पत्र को सामान्य प्रक्रिया के तहत कोर्ट में लगने दीजिए

न्यायाधीश कुलदीप माथुर की पीठ ने राजस्थान सरकार के एजीजी अनिल जोशी से कहा कि मुझसे गलत वक्तव्य चला गया, क्योंकि मैं दिल्ली में बैठा था। इस पर न्यायाधीश माथुर ने कहा कि जो प्रार्थना पत्र आपने फाइल किया है, वह सामान्य प्रक्रिया में कोर्ट के समक्ष आ जाएगा।

हम किसी प्रार्थना पत्र को रोकते नहीं हैं। आप अपने प्रार्थना पत्र को सामान्य प्रक्रिया के तहत ही कोर्ट में लगने दीजिए। कोर्ट अपने हिसाब से चलता है।

First published on: Apr 18, 2023 03:18 PM

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