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गहलोत सरकार की ऊंटों के संरक्षण के लिए शानदार पहल, ऊंट पालक को मिलेंगे इतने रूपये

जयपुर: राजस्थान सरकार ने ऊंटों के संरक्षण के लिए शानदार पहल की है। प्रदेश में ऊंटों की कम होती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने इनके संरक्षण के लिए विशेष कार्य योजना बनाई है। ऊंटों के संरक्षण के लिए गहलोत सरकार ने उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन किया है। इसके लिए 2.60 करोड़ रूपए […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Nov 15, 2022 11:57
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CM Ashok Gehlot

जयपुर: राजस्थान सरकार ने ऊंटों के संरक्षण के लिए शानदार पहल की है। प्रदेश में ऊंटों की कम होती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने इनके संरक्षण के लिए विशेष कार्य योजना बनाई है। ऊंटों के संरक्षण के लिए गहलोत सरकार ने उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन किया है। इसके लिए 2.60 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति दी है।

बता दें राज्य सरकार ऊंटों के संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में उष्ट्र संरक्षण योजना का अनुमोदन किया है। इसके लिए 2.60 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान को भी स्वीकृति दी है।

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सीएम गहलोत ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना के अंतर्गत, पशु चिकित्सक द्वारा मादा ऊंट एवं बच्चे के टैग लगाकर पहचान पत्र देने के बाद ऊंट पालक को 5000 रूपए, प्रत्येक पहचान पत्र के लिए पशु चिकित्सक को 50 रूपए का मानदेय तथा ऊंट के बच्चे के एक वर्ष पूर्ण होने पर द्वितीय किश्त के रूप में 5000 रूपए का प्रावधान किया गया है। दोनों किश्तों की राशि ऊंट पालक के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इस निर्णय से ऊंट पालकों को आर्थिक संबल के साथ प्रोत्साहन मिल सकेगा।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के बजट में ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति लागू करने के लिए 10 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था।

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विदित है कि ऊंट राजस्थान का राज्य पशु है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में वर्तमान में करीब दो लाख ऊंट बचे हैं। साल 2019 में हुई पशु गणना में ऊंटों की संख्या 2.52 लाख थी और इससे पहले 2012 में हुई पशुगणना में यह संख्या चार लाख थी। ऊंट रेगिस्तान में कृषि, सामान लाने और ले जाने के लिए काफी उपयोगी पशु है। पर्यटन के क्षेत्र में भी ऊंट की मांग है। कैमल सफारी देशी-विदेशी पर्यटक काफी पसंद करते हैं।

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First published on: Nov 14, 2022 06:36 PM

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