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BED Vs BSTC: राजस्थान में बीएड धारी अब नहीं बन सकेंगे प्राइमरी टीचर, सुप्रीम कोर्ट ने इस नोटिफिकेशन को किया रद्द

BED Vs BSTC: राजस्थान में बीएड-बीएसटीसी विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस मामले में बीएडधारियों को प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए अपात्र माना है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और सुधांशु धूलिया की बैंच के इस फैसले से राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इस फैसले […]

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Aug 12, 2023 08:48
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BED Vs BSTC: राजस्थान में बीएड-बीएसटीसी विवाद पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस मामले में बीएडधारियों को प्राथमिक वर्ग की शिक्षा के लिए अपात्र माना है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और सुधांशु धूलिया की बैंच के इस फैसले से राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इस फैसले के साथ ही राज्य सरकार की पाॅलिसी को भी हरी झंडी दी है।

सुप्रीम कोर्ट की डबल बैंच ने अपने फैसले में कहा कि राजस्थान में प्राइमरी टीचर्स की भर्ती में बीएड के युवा भाग नहीं ले सकेंगे। प्राथमिक वर्ग के लिए होने वाले शिक्षकों की भर्ती में केवल बीएसटीसी धारक युवा ही भाग ले सकेंगे। राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में वरिष्ठ वकील मनीष सिंघवी पक्ष रखा था। इस मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार के 30 मई 2018 के नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया।

एनसीटीई के नोटिफिकेशन के बाद शुरू हुआ था विवाद

बता दें कि 28 जून 2018 को एनसीटीई ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि प्राथमिक वर्ग यानी लेवल 1 के लिए बीएड डिग्रीधारी भी पात्र होंगे। नियुक्ति मिलने के 6 महीने बाद उन्हें एक ब्रिज कोर्स करना पड़ेगा। इस नोटिफिकेशन के बाद पूरे देश में विवाद हो गया। इसके चलते बीएसटीसी और बीएड धारी आमने-सामने आ गए और राजस्थान समेत पूरे देश में यह विवाद शुरु हो गया। इसके बाद हाईकोर्ट में नोटिफिकेशन के खिलाफ और पक्ष में कई याचिकाएं दायर की गई।

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First published on: Aug 12, 2023 08:48 AM

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