विपिन श्रीवात्सव, भोपाल: मध्यप्रदेश में यूरिया सप्लाई में बड़ा घोटाला सामने आया है। इसके तार हर तरफ फैले हुए हैं। दरअसल प्रदेश में जो यूरिया सरकारी को-ऑपरेटिव सोसायटी तक पहुंचाना था वो प्राइवेट फर्म को दे दिया गया। बताया जा रहा है कि कुल 3 करोड़ की कीमत का 1 करोड़ टन यूरिया अचानक गायब कर लिया गया है।
इस मामले पर सप्लायर कंपनी के मालिक समेत अन्य पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी इस पर बैठक का आयोजन किया है और सख़्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
सीएम शिवराज ने दिए सख़्त कार्रवाई के निर्देश
इस घोटाले के उजागर होते ही हर तरफ हड़कंप मच गया और सीएम शिवराज ने भी शुक्रवार सुबह एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई। इस बैठक में सख्त लहजे में पूछा कि मैं इस पूरी घटना की जानकारी चाहता हूं यह गड़बड़ कहां हुई? किसने की ? और कैसे की ? कौन बताएगा कमिश्नर या कलेक्टर ? जिस पर जबलपुर कमिश्नर ने कहा कि यह जो घटना हुई है, ये कृभको फर्टिलाइजर लिमिटेड है, ये उन 7 कंपनियों में से एक है जो जबलपुर के क्षेत्र में फर्टिलाइजर को सप्लाई करते हैं।
सीएम ने कहा कि आईडी बैठे हैं, एसपी भी बैठे हैं इन पर तत्काल एफआईआर करो और पकड़ो इनको , यह नहीं चल सकता, ये कैसे खाद डायवर्ट कर दिया इन्होंने, इन पर धाराएं कौन-कौन सी लगेंगे ये भी बताओ। इस पर जबलपुर कमिश्नर ने कहा कि खाद्य डाइवर्ट करने पर फर्टिलाइजर मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर का वायलेशन हुआ है 3ए, 3बी, 3सी एक्ट की धाराएं लगेंगी और आज ही एफआईआर की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सख्त कार्रवाई हो और एग्जांपल बने, ये नहीं चल सकता कि जहां मर्जी आई खाद भेज दिया इस समय जब खाद की जरूरत है किसान परेशान है।
इस तरह दिया गया यूरिया घोटाले को अंजाम
दरअसल यूरिया सप्लाई के खेल की कहानी शुरू इस तरह हुई कि किसानों को यही यूरिया जबलपुर संभाग के 4 जिले सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह जिलों में सप्लाई होने था। यूरिया सप्लाई के लिए 25 अगस्त को जबलपुर में कृभको यानि कृषक भारती कोऑपरेटिव फर्टिलाइजर कंपनी की करीब 2666 मैट्रिक टन यूरिया की खेप आई थी। इसमें से 70 फीसदी यानि 1853 मैट्रिक टन यूरिया सरकारी को-ऑपरेटिव सोसायटी को भेजा जाना था।
हैरानी की बात ये कि इसमें से महज़ 30 फीसदी यानि 555 मैट्रिक टन यूरिया ही सरकारी सोसायटी तक सप्लायर कंपनी ने पहुंचाया और बाकी करीब 1 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा यूरिया गायब कर प्राइवेट विक्रेताओं को पहुंचा दिया गया। अभी तक प्रशासन 120 मीट्रिक टन ही जब्त कर पाई है 1100 टन यूरिया अब भी जब्त करने बाकी है।