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MP News: उज्जैन की तरह यहां भी सजा शिव का दरबार, 21 देवालयों में साज-सज्जा के साथ मनाया गया दीपोत्सव

उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में मंगलवार को महाकाल लोक का लोकार्पण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया। पीएम मोदी ने महाकाल की नगरी पहुंचते ही महाकाल का दर्शन करते हुए पूरे विधि विधान से महाकाल राजा की पूजा अर्चना की। उज्जैन में महाकाल मंदिर के साथ ही प्रदेश के कई जिलों […]

Edited By : Yashodhan Sharma | Updated: Oct 12, 2022 12:52
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उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में मंगलवार को महाकाल लोक का लोकार्पण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया। पीएम मोदी ने महाकाल की नगरी पहुंचते ही महाकाल का दर्शन करते हुए पूरे विधि विधान से महाकाल राजा की पूजा अर्चना की। उज्जैन में महाकाल मंदिर के साथ ही प्रदेश के कई जिलों में एक साथ पूजा अर्चना कर दीपोत्सव मनाया गया। इसी कड़ी मेंं रीवा जिले की बात की जाए तो भगवान महामृत्यंज मंदिर और शिव नगरी देव तलाब सहित 21 देवालयों में साज सज्जा कर दीपोत्सव मनाया गया।

कई दिग्गज रहे शामिल

रीवा में 21 देवालयों को फूलों से सजाकर दीपोत्सव मनाया गया, जिसमें विश्व के इकलौते किला परिसर में स्थित महामृत्युंजय मंदिर और देव तलाब मंदिर सहित 21 देवालय शामिल थे। कार्यक्रम में रीवा रियासत के महाराजा पुष्पराज सिंह, पूर्व मंत्री विधायक राजेंद्र शुक्ला, सहित अन्य नेता गण व प्रशानिक अधिकारियों सहित रीवा शहर की आम जनता शामिल रहीं।

रीवा में कॉरिडोर का निर्माण संभव

किला स्थित भगवान महामृत्युंजय मंदिर परिसर में सैटेलाइट के माध्यम से उज्जैन कॉरिडोर महाकाल लोक में आयोजित कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ। महामृत्युंजय मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शिव नगरी को बताया कि किस प्रकार शिव की नगरी उज्जैन के प्राचीन इतिहास को महाकाल लोक के कॉरिडोर में दर्शाया जाएगा जिससे लोग शिव महिमा के बारे में जान सकेंगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि रीवा के तमाम धार्मिक स्थानों में निर्माण और सुधार कार्य कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाबा महामृत्युंजय की कृपा होगी तो अवश्य रीवा में भी कॉरिडोर का निर्माण संभव होगा।

क्या है किले का इतिहास

महामृत्युंजय मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व मंत्री और रीवा महाराजा पुष्पराज सिंह ने भी किला में स्थित महामृत्युंजय मंदिर के इतिहास का व्याख्यान करते हुए बताया कि बांधवगढ़ रियासत के महाराज ब्याघ्रदेव सिंह शिकार के दौरान पड़ाव पर थे उसी रात महाराज ने एक चमत्कार देखा। मंदिर परिसर के पास एक शेर, चीतल को दौडा रहा था लेकिन चीतल जब टीले के पास पहुंचा तो शेर शांत हो गया।

उसी वक्त महाराज ने यहां विद्यमान शक्ति को समझा और मंदिर की स्थापना कर किले का निर्माण कराया। एक किवदंती यह भी है कि अनादिकाल में दधीचि ऋषि नें शिव की आराधना की और प्रसन्न होने पर महामृत्युजंय कि स्थापना यहां पर की। जब से यहां महामृत्युजंय की अद्भुद शिवलिंग मौजूद है।

भगवान महामृत्युजंय के जाप से सर्व मनोकामना पूरी होती है इसी मान्यता के चलते श्रद्धालु देश भर के अलावा विदेशो से आते है। महामृत्युजय की कृपा से भक्तो की अकाल मृत्यु टल जाती है। महामृत्युंजय के दर्शन से भक्तो को मृत्युभय नही रहता और बिगडे काम बन जाते है।

First published on: Oct 12, 2022 12:52 PM

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