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MP के इस जिले में बनी एशिया की सबसे बड़ी क्लाइंबिंग वॉल, आदिवासी बच्चों को होगा बड़ा फायदा

Climbing Wall: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल शहडोल जिले में एशिया की सबसे बड़ी क्लाइम्बिंग वॉल तैयार हो गई है। जिससे यहां के बच्चे यूरोपियन देशों के मशूहर खेल क्लाइम्बिंग वॉल को सीखेंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि आदिवासी युवाओं की मांसपेशी और शारीरिक क्षमता ज्यादा प्रभावी होती है। पर्वतों में चढ़ने उतरने का […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Feb 2, 2024 22:29
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climbing wall built in Shahdol

Climbing Wall: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल शहडोल जिले में एशिया की सबसे बड़ी क्लाइम्बिंग वॉल तैयार हो गई है। जिससे यहां के बच्चे यूरोपियन देशों के मशूहर खेल क्लाइम्बिंग वॉल को सीखेंगे। प्रदेश सरकार का मानना है कि आदिवासी युवाओं की मांसपेशी और शारीरिक क्षमता ज्यादा प्रभावी होती है। पर्वतों में चढ़ने उतरने का हुनर शहरी बच्चों की अपेक्षा आदिवासी बच्चों में ज्यादा होता है। इस कारण अब भारत सरकार ने क्लाइंबिंग वॉल खेल में आदिवासी बच्चों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। जिसके चलते इस वॉल का निर्माण करवाया गया है।

6 करोड़ की लागत से बनी है क्लाइंबिंग वॉल

बता दें कि यह शहडोल में बनी यह क्लाइंबिंग वॉल 6 करोड़ की लागत से तैयार हुई है। शहडोल के विचारपुर में स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल को लगाने का काम पूरा हो चुका है। यूरोपियन देशों में क्लाइंबिंग वॉल का खेल बहुत मशहूर है। जिसका इस्तेमाल जल्द ही शुरू हो जाएगा। बता दें कि यूरोपियन देशों में क्लाइंबिंग वॉल का खेल बहुत मशहूर है। ऐसे में विचारपुर में बनी इस क्लाइंबिंग वॉल में खिलाड़ी और 350 दर्शकों के लिए बैठने की व्यवस्था है। क्रीड़ा परिसर में ठहरने और भोजन की व्यवस्था भी की गई है। आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए यह सुविधा बिल्कुल फ्री होगी।

सेना भर्ती में होगा सीधा फायदा

वहीं स्पोर्टस कांप्लेक्स में 100 सीटर विद्यार्थियों के रहने के लिए छात्रावास भी उपलब्ध है। अब आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले युवाओं को सेना की भर्ती में इस खेल का सीधा फायदा मिलेगा। इसके अलावा पर्वतारोही और रेस्क्यू के गुण सीखने में भी मदद मिलेगी।

बता दें कि एक साथ 3 क्लाइंबिंग वॉल वाली यह प्रदेश की पहली यूनिट है। प्रदेश में अभी एक साथ 3 क्लाइंबिंग वॉल कहीं पर नहीं है। भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय और दयानंद स्कूल में लगी यूनिट कोविड के बाद बंद है। इसके अलावा लक्ष्मी बाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन में लगी यूनिट भी सालों से बंद पड़ी है। स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग वॉल का हुनर सिखाने भोपाल से विचारपुर आए ट्रेनर उमेश शर्मा बताते हैं कि अभी इस खेल में भारत की स्थिति बहुत खराब है। 2023 के ओलंपिक खेल में अभी हमारी पोजिशन हाईजेस्ट 31 वें नंबर पर रही है। मणिपुर के रहने वाले चिरंवई मावबाम ने इस खेल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। ओलंपिक में जापान, चीन, इंडोनेशिया, कोरिया, फ्रांस, ईरान और रशिया का दबदबा रहता है।

ये भी देखें: Jan Ashirwad Yatra को लेकर BJP की बैठक,पांच अलग-अलग सभागों में निकाली जाएगी यात्रा

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First published on: Aug 27, 2023 12:12 PM

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