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गुजरात के इस गांव के छात्र बोलते हैं 8 भाषाएं, जानें आदिवासी स्कूल में कैसे दी जाती शिक्षा?

Surat Zhakhrda School News: सूरत के झाखरदा गांव के आदिवासी स्कूल की एक अलग पहचान के लिए काफी तारीफ की जाती है, जबकि स्कूल के बच्चे अंग्रेजी, चीनी, जापानी, रोमन, अंग्रेजी, तमिल, उर्दू के साथ-साथ गुजराती और हिंदी में भी काफी कुशल हैं।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 16, 2024 12:02
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Surat Zhakhrda School News: सूरत के झाखरदा गांव के आदिवासी स्कूल की एक अलग पहचान के लिए काफी प्रशंसा की जाती है, जबकि स्कूल के बच्चे अंग्रेजी, चीनी, जापानी, रोमन, अंग्रेजी, तमिल, उर्दू के साथ-साथ गुजराती और हिंदी में भी पारंगत हैं। विद्यालय के प्रिंसिपल के अथक प्रयास से विद्यालय में सभी प्रकार की उन्नत सुविधाएं उपलब्ध होने से छात्रों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है। गरीब परिवारों से आने वाले इन बच्चों ने कैलकुलेटर से भी वैदिक गणनाओं का इस्तेमाल करके गणित के सवालों के जवाब दिए हैं। आइए जान लेते हैं इस स्कूल और यहां के छात्रों में क्या कुछ है खास। यह स्कूल कई चीजों के लिए ज्यादा प्रसिद्ध है, जिसमें सूरत के झांखरा गांव के आदिवासी स्कूली बच्चों का अनोखा नाम भी शामिल है।

स्कूल के प्रिंसिपल के अनुसार, बच्चों को एप्पल, ब्लैक कैट, पीकॉक जैसे नाम दिए गए हैं। यहां के सभी बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं। स्कूल के छात्र गुजराती के साथ-साथ चीनी, जापानी, रोमन, अंग्रेजी, तमिल, उर्दू और हिंदी भी बोल सकते हैं। इसके अलावा, कक्षा 1 से 5 तक के छात्र गुणा और भाग के लिए त्वरित वैदिक गणना करने के लिए कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं।

श्रीमद्भागवत गीता का पाठ भी पढ़ाया जाता है

विद्यालय प्राचार्य के अथक प्रयास से विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है। इसके साथ ही स्कूल में प्रोजेक्टर, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, खेल के लिए मैदान, गार्डन समेत सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही स्कूल में बच्चों को श्रीमद्भगवत गीता का पाठ भी पढ़ाया जाता है। एक शिक्षक ने कहा कि छात्रों में पारिवारिक मूल्यों को विकसित करने के लिए प्रिंसिपल द्वारा श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाई जाती है।

छात्रों को दी जाती है सामाजिक और सांस्कृतिक शिक्षा

स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि स्कूल के शिक्षकों द्वारा छात्रों को सिलेबस के साथ-साथ बड़ों के प्रति सम्मान सहित धार्मिक ग्रंथों की सीख देने के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं की शिक्षा दी जाती है। इसके अलावा, छात्र स्कूल से छुट्टी के बाद लाइनर पर घर लौटता है। महज 600 की आबादी वाले इस गांव में कुल 70 फैमिली रहती हैं। स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक के कुल 92 बच्चों को 3 शिक्षक पढ़ाते हैं।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Aug 16, 2024 12:02 PM

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