‘लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ निकाल रहे कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, रावत बोले- ‘ये लोकतंत्र की हत्या है’

Lal Qila to Town Hall: राहुल गांधी की सांसदी जाने और अडानी मामले में जेपीसी की मांग को लेकर कांग्रेस और अक्रामक हो गई है।

नई दिल्ली। लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस मार्च में जयराम रमेश, पी चिदंबरम, हरीश रावत जैसे बड़े नेता शामिल थे। हरीश रावत ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है। हमने मशालें जलाईं, जिन्हें पुलिस ने बुझाने का काम किया। लेकिन हम दिल की मशाल जलाएंगे, हर जुल्म से लड़ेंगे।

पुलिस ने कांग्रेस के मशाल मार्च को मंजूरी नहीं दी थी। मार्च लाल किले से पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल तक होना था।

जयराम रमेश बोले- हमारी आवाज को खामोश किया जा रहा

प्रदर्शन के दौरान जयराम रमेश, इमरान प्रतापगढ़ी और अधीर रंजन चौधरी धरने पर बैठ गए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों को ले जा रही पुलिस बस को रोक लिया। नेताओं ने हिरासत में लिए जाने के दोरान कांग्रेस सांसद जेबी माथेर को बेरहमी से घसीटने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ये मर्डर ऑफ़ डेमोक्रेसी है। संसद के अंदर और बाहर हमारी आवाज को खामोश किया जा रहा है। हमारे नेता को डिसक्वालीफाई कर रहे हैं और अब हमें चलने नहीं दे रहे हैं। ये क्या डेमोक्रेसी है?

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लाल किले के सामने हंगामा, पुलिस बल तैनात

मंगलवार की शाम कांग्रेसी सांसद और नेता लाल किले के सामने जुटे। कार्यकर्ताओं ने मशाल जलाई। आरोप है कि पुलिस ने मशाल को बुझा दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बहस हुई। इस दौरान नेता हरीश रावत, जेपी अग्रवाल समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। सभी को न्यू पुलिस लाइन ले जाया जा रहा है। लाल किले के आसपास पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

 

जय भारत सत्याग्रह का होगा आयोजन

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अगले 30 दिनों में कांग्रेस पूरे देश में प्रदर्शन करेगी। इस आंदोलन को जय भारत सत्याग्रह नाम दिया गया है। इस दौरान देशभर के सभी ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

हैदराबाद में भी निकली मशाल यात्रा

हैदराबाद में भी यूथ कांग्रेस ने राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता के खिलाफ मशाल मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति के सांसदों ने भी प्रदर्शन किया है।

कृषि मंत्री तोमर ने पूछा- मशाल यात्रा किसके खिलाफ?

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कांग्रेस की मशाल यात्रा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि राहुलजी सही जगह पर आ गए हैं, यही जगह उनके लिए उचित है। आज वे मशाल यात्रा निकाल रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि मशाल यात्रा किसके खिलाफ है? क्या ये न्यायालय के खिलाफ है?…दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांधी परिवार अपने आप को सभी संस्थाओं से, कानून से, संविधान से ऊपर मानता है।

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सरकार दोषी नहीं तो जांच से क्यों भाग रही?

वहीं, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार अडानी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती है। आज भी हमने इस घोटाले की जेपीसी जांच की मांग की। अगर सरकार दोषी नहीं है तो इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने से क्यों भाग रही है?

राजघाट पर प्रियंका ने कहा- हम डरने वाले नहीं 

बीते रविवार को कांग्रेस ने दिल्ली के राजघाट पर सत्याग्रह आंदोलन किया था। प्रियंका गांधी ने कहा, ‘इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार के खून ने सींचा है। जो सोचते हैं कि हमें अपमानित कर, एजेंसियों से छापे मरवाकर हमें डरा देंगे, वो गलत सोचते हैं। हम डरने वाले नहीं हैं।’

‘संसद में मेरे शहीद पिता का अपमान किया। शहीद के बेटे को ‘मीर जाफर’ कहा गया। BJP के CM कहते हैं कि इनके पिता कौन हैं? PM भरी संसद में ‘नेहरू सरनेम’ पर सवाल उठाते हैं? आप पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती।’

राजीव शुक्ला ने बशीर बद्र के शेर से साधा था निशाना

सत्याग्रह आंदोलन में कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘जब तक हम सक्रिय नहीं होंगे, तब तक कुछ नहीं होगा। शहीद भगत सिंह भी जब अदालत जाते थे तो उनके साथी गाते जाते थे कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। वक्त आने पर बता देंगे तुम्हें ये आसमां, हम अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में हैं।’

राजीव शुक्ला ने दूसरा शेर पढ़ते हुए कहा, ‘शोहरत की बुलंदी भी एक पल का तमाशा है, जिस साख पर बैठे हो वो टूट सकती है। ये सोचो कि हम हमेशा सत्ता में रहेंगे तो भूल है। जनता इंदिरा गांधी को साढ़े तीन सौ सीटों से वापस लेकर आई थी। 2024 का चुनाव नजदीक है। तुम्हे भी जनता वापस ला सकती है।’

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