New Delhi: चिनार कॉर्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) केजेएस ढिल्लन ने अपनी किताब ‘कितने गाजी आए, कितने गाजी गए’ में बड़ा दावा किया है। उन्होंने किताब में लिखा है कि 14 फरवरी 2019 के पुलवामा अटैक के 10 दिन के भीतर एक और आत्मघाती आतंकी हमला होना था।
लेकिन इसकी भनक सेना को लग गई थी। सेना ने तीन आतंकियों को ढेर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था। मारे गए आतंकियों में दो पाकिस्तानी थे।
How another Pulwama-type suicide attack by Pakistanis was thwarted within 10 days of main attack, reveals book by former Chinar Corps chief
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— ANI Digital (@ani_digital) February 25, 2023
डीसीपी अमन ठाकुर ने नहीं की अपनी जान की परवाह
रिटायर्ड अफसर ने किताब में लिखा है कि 24 फरवरी 2019 को सूचना मिली कि आतंकी पुलवामा जैसा आत्मघाती हमले की फिराक में हैं। इस पर सेना अलर्ट हो गई। रात में ही कुलगाम के तुरीगाम गांव को घेर लिया गया। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। ऑपरेशन के दौरान सेना का जवान बलदेव राम गोली लगने से घायल हो गया। यह देखकर जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी अमन ठाकुर ने अपनी जान की परवाह नहीं की। वे तत्काल घायल सिपाही को सुरक्षित स्थान पर ले गए। लेकिन डीएसपी को गोली लग गई और वे भी घायल हो गए।
घायल होने के बावजूद अमन ठाकुर ने एक आतंकी को मार गिराया। जिस आतंकी को उन्होंने मारा था, वह जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी नोमान था।
गजब थी सूबेदार सोमबीर की वीरता
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने 34 राष्ट्रीय राइफल्स के जवान नायब सूबेदार सोमबीर की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि सोमबीर में गजब की वीरता थी। उन्होंने ओसामा नाम के पाकिस्तानी आतंकी को ढेर कर दिया था। इस दौरान तीन आतंकी मारे गए थे।
डीसीपी अमन ठाकुर और सूबेदार सोमबीर दोनों इस ऑपरेशन में शहीद हुए थे। दोनों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
पुलवामा अटैक में शहीद हुए थे 40 जवान
पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को आत्मघाती हमला हुआ था। एक आत्मघाती हमलावर ने अपनी कार से सीआरपीएफ के काफिले की बस से टक्कर मार दी थी। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।
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