CBI files charge sheet against Mayank Tiwari Ahmedabad Gujarat: आज से 6 महीने पहले गुजरात में पीएमओ अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाला पकड़ा गया था। इस शख्स का नाम मयंक तिवारी था। गुजरात के इस ठग के खिलाफ अब सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है। तीन महीने से इसकी जांच चल रही थी। मयंक तिवारी अहमदाबाद का रहने वाला है। वह अपनेआप को पीएमओ में बड़े पद पर बैठा एक अधिकारी बताता था। इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी ने अक्टूबर महीने में अहमदाबाद और इंदौर समेत कई स्थानों पर तलाशी ली थी। इसमें कई डॉक्यूमेंट्स जब्त किए गए थे।
आंख अस्पताल का मामला
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोप पत्र के मुताबिक मयंक तिवारी ने कथित तौर पर अपने मोबाइल फोन से कॉल और संदेश भेजकर नेत्र अस्पतालों की चेन के प्रमोटरों से इंदौर के अस्पताल के साथ विवाद को निपटाने के लिए कहा था, जिसे कथित तौर पर अस्पताल चेन को 16 करोड़ रुपये लौटाने थे। आरोप है कि डॉ. अग्रवाल ने इंदौर के अस्पताल चलाने वाले दो डॉक्टरों के साथ फ्रेंचाइजी में शामिल होने के लिए एक समझौता किया था। इसके लिए 16 करोड़ से ज्यादा रुपये भी दिए गए थे। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
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पीएमओ का फर्जी अधिकारी
वहीं उसने पीएमओ का अफसर बनकर अस्पताल प्रबंधन को धमकी भी दी थी। उसपर आंख के अस्पताल के ग्रुप पर दबाव बनाने का आरोप था। मामला हाईकोर्ट में भी गया था। जब उसके द्वारा ठगी का मामला पीएमओ में पहुंचा तो सीबीआई को जांच सौंपी गई। इसे पीएमओ के दुरुपयोग का मामला कहा गया। कहा गया कि पीएमओ में न तो इस नाम का कोई शख्स है और न ही अपना जो पद वह बता रहा है वह पद है।
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