Hajipur Vidhan Sabha Election Result 2025: वैशाली जिले की हाजीपुर विधानसभा सीट पर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान हुआ था और आज यानी 14 नवंबर को इस सीट सहित राज्य की सभी 243 सीटों पर मतगणना जारी है. काउंटिंग सुबह 8 बजे से शुरू हुई है. इस बार इस सीट पर Bharatiya Janata Party (भाजपा), Rashtriya Janata Dal (राजद) और Jan Suraj Party (जनसुराज) के उम्मीदवार आमने-सामने हैं.
मुख्य उम्मीदवार कौन हैं
इस बार हाजीपुर सीट से भाजपा ने अवधेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है. राजद ने इस सीट पर देव कुमार चौरसिया को उतारा है, जबकि जनसुराज पार्टी की ओर से प्रतिभा सिन्हा इस सीट पर चुनावी मैदान में हैं.
2020 में हाजीपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे
| प्रत्याशी नाम | वोट | पार्टी |
|---|---|---|
| अवधेश सिंह | 85,552 | BJP |
| देव कुमार चौरसिया | 82,562 | RJD |
| अजीत कुमार | 5,242 | IND |
2015 में हाजीपुर विधानसभा चुनाव के नतीजे
| प्रत्याशी | वोट | पार्टी |
|---|---|---|
| अवधेश सिंह | 86,773 | BJP |
| जगन्नाथ प्रसाद राय | 74,578 | INC |
| संतोष कानन | 3,542 | IND |
पिछले चुनावों का हाल
2015 के चुनाव में भाजपा के अवधेश सिंह ने लगभग 86,773 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की थी. 2020 के चुनाव में भाजपा ने फिर जीत हासिल की अवधेश सिंह को 85,552 वोट मिले जबकि राजद के देव कुमार चौरसिया को लगभग 82,562 वोट मिले. जीत का अंतर करीब 2,990 वोट रहा.
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जातीय-सामाजिक समीकरण
हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र सामाजिक-दलित-वर्ग, पिछड़ों और ओबीसी समूहों में संतुलित मतदाता-मंडल वाला माना जाता है. अनुमान है कि इस सीट पर अनुसूचित जातियों (SC) का हिस्सा करीब 21 प्रतिशत के आसपास है. मुस्लिम-समुदाय की हिस्सेदारी भी शहर-वर्ती इलाके में महत्वपूर्ण रही है. इसके अलावा, क्षेत्र में ऊंची जातियों का भी प्रभाव देखा गया है जो चुनावी समीकरण को प्रभावित करता रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस सीट पर भाजपा पिछड़े / गैर-एबीसी मतदाताओं व उच्च जातियों को जोड़ने की कोशिश करती है, जबकि राजद व उसके गठबंधन ने दलित-पिछड़ा वोट बैंक मजबूत करने का प्रयास किया है.
2025 में क्या है समीकरण
2025 में इस सीट की लड़ाई त्रिकोणीय है. भाजपा विकास-मुद्दों व केंद्र-राज्य योजनाओं के सहारे मैदान में है. राजद को पिछली जीत व दलित-पिछड़ा आधार को सक्रिय रखने की चुनौती है. जनसुराज पार्टी का प्रवेश मत विभाजन की संभावना को बढ़ा रहा है, जिससे किसी भी तरह से परिणाम पलट सकता है.
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