Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अब अपने चरम पर है. राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. नौ प्रमंडलों में बंटे बिहार की राजनीति में भागलपुर प्रमंडल की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है. सीमांचल और मगध के बीच बसे इस प्रमंडल की राजनीतिक हवा कई बार पूरे राज्य की दिशा तय करती रही है.
भागलपुर प्रमंडल
भागलपुर प्रमंडल में दो जिले भागलपुर और बांका शामिल हैं. इन दोनों जिलों में कुल 12 विधानसभा सीटें हैं. इनमें भागलपुर जिले की सात और बांका जिले की पांच सीटें आती हैं. सीटों की संख्या के लिहाज से यह बिहार का सबसे छोटा प्रमंडल है, लेकिन सियासी प्रभाव के लिहाज से यह क्षेत्र हमेशा बड़े दलों के लिए अहम रहा है.
2020 एनडीए ने तोड़ी महागठबंधन की दीवार
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार की राजनीति दो धु्रवों एनडीए और महागठबंधन के बीच सिमटी थी. राज्य की 243 सीटों में से एनडीए ने 125 सीटें जीतीं. इनमें भाजपा ने 74, जदयू ने 43, जबकि वीआईपी और हम को 4-4 सीटें मिली. वहीं, महागठबंधन ने 110 सीटें जीती. इसमें राजद सबसे बड़ा दल रहा, जिसने 75 सीटें हासिल की. कांग्रेस को 19 और वामदलों को 16 सीटें मिली. इनमें भाकपा (माले) को 12, भाकपा और माकपा को 2-2 सीटें मिली.
2015 में महागठबंधन ने मारी थी बाजी
इसके उलट 2015 का चुनाव पूरी तरह महागठबंधन के पक्ष में गया था. उस वक्त जदयू, राजद और कांग्रेस एक साथ थे, जबकि भाजपा, लोजपा, रालोसपा और हम एनडीए के घटक दल थे. उस चुनाव में महागठबंधन ने बिहार में 178 सीटें जीतकर ऐतिहासिक सफलता हासिल की थी. दलवार देखें तो राजद को 80, जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिली थी. वहीं एनडीए को सिर्फ 58 सीटों से संतोष करना पड़ा था, जिसमें भाजपा को 53 सीटें मिली थी.
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