Arwal Election Result 2025 Live: बिहार के लिए आज ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि आज विधानसभा 2025 के रिजल्ट आने वाले हैं. बिहार विधानसभा में भाग लेने वाले उम्मीदवार भी इस दिन का बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे थे. आज कई उम्मीदवारों की किस्मत चमकेगी तो कई उम्मीदवारों के लिए बुरा दिन होगा. अरवल विधानसभा सीट से सीपीआईएमएल से महानंद सिंह और भारतीय जनता पार्टी से मनोज शर्मा आमने सामने हैं. दोनों की किस्मत का आज फैसला होगा, क्योंकि बिहार विधानसभा 2025 चुनाव की गिनती शुरू हो चुकी है.
अरवल विधानसभा सीट का इतिहास
साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में सीपीआईएमएल से महानंद सिंह और बीजेपी से दीपक शर्मा आमने सामने थे. महानंद शर्मा को 68,286 वोट मिले थे, जबकि दीपक ने 48,336 वोट प्राप्त किए थे.
अरवल विधानसभा चुनाव परिणाम (2015)
| क्रमांक | उम्मीदवार का नाम | पार्टी | प्राप्त वोट | वोट शेयर (%) | बढ़त (वोट) |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | रवींद्र सिंह | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) | 55,295 | 43% | 17,810 |
| 2 | चितरंजन कुमार | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) | 37,485 | 29% | — |
| 3 | महानंद प्रसाद | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (मुक्ति) (सीपीआई(एमएल)(एल)) | 21,354 | 16% | — |
वहीं, साल 2015 में आरजेडी के रवींद्र सिंह ने बीजेपी के चितरंजन कुमार को हराया था. रवींद्र ने 55,295 वोट प्राप्त किए थे, जबकि चितरंदन को 37,485 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर महानंद प्रसाद थे, जिन्हें 21,354 वोट मिले थे.
अरवल विधानसभा चुनाव परिणाम (2020)
| क्रमांक | उम्मीदवार का नाम | पार्टी | प्राप्त वोट | वोट शेयर (%) | बढ़त (वोट) |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | महानंद सिंह | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (मुक्ति) (सीपीआई(एमएल)(एल)) | 68,286 | 47.18% | 19,950 |
| 2 | दीपक शर्मा | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) | 48,336 | 33.40% | — |
| 3 | सुभाष चंद्र यादव | राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) | 7,941 | 5.49% | — |
अरवल का जातीय समीकरण
अरवल पहले जहानाबाद जिले का हिस्सा था. लेकिन साल 2001 में इसे अलग जिले के रूप में जगह मिली. जनसंख्या के मुताबिक अरवल बिहार का तीसरा सबसे कम आबादी वाला जिला है.
अरवल में 90.48 प्रतिशत लोग हिंदू रहते हैं, जबकि 9.17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. भाषा के मामले में 86.53 प्रतिशत लोग मगही बोलते हैं, इसके बाद हिंदी (8.11 प्रतिशत) और उर्दू (4.96 प्रतिशत) लोग बोलते हैं. पिछले 4 विधानसभा चुनाव में अलग-अलग पार्टियों ने जीत हासिल की है. अरवल से कृष्णानंदन प्रसाद सिंह ने 1980 से लेकर 1990 तक यानी 3 बार लगातार जीत हासिल की थी. इसके बाद कोई इस सीट पर ऐसा कारनाम नहीं कर पाया.










