Sawan Vrat Rules: श्रावण माह को अतिशुभ और पवित्र माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ होता है। हालांकि सावन में कुछ चीजों को करने की मनाही होती है। नहीं तो साधक को पाप भी लग सकता है। पौराणिक ग्रंथों में सावन मास के व्रत और पूजा-पाठ से जुड़े कई नियमों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा सावन में किस (Kiss) और शारीरिक संबंध बनाने को लेकर भी कई नियमों के बारे में बताया गया है। चलिए जानते हैं सावन के पवित्र मास में किस और संभोग बनाने से जुड़े नियमों के बारे में।
सावन में किस करनी चाहिए या नहीं?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव को समर्पित सावन के पवित्र मास में पार्टनर को किस नहीं करना चाहिए। इस दौरान प्रत्येक साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। खासतौर पर उन लोगों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, जो सावन में व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। किस के अलावा सावन मास में शारीरिक संबंध बनाने की भी मनाही होती है। इस दौरान संभोग करने से पाप लग सकता है और व्यक्ति की पवित्रता भंग हो जाती है।
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पौराणिक ग्रंथों में भी है वर्णन
भगवान शिव को कल्याण और कामदेव को प्रेम-काम का कारक माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि देवी पार्वती महादेव से शादी करने के लिए जब उनके पास गई थी, तो उस समय वो तपस्या में लीन थे। देवी पार्वती ने शिव जी को जगाने के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन महादेव अपनी आंखें नहीं खोल रहे थे। ये सब देखकर कामदेव को गुस्सा आया और उन्होंने शिव जी पर पुष्प का बाण चला दिया। इससे महादेव की तपस्या भंग हो गई और उन्होंने अपने नेत्र खोल कामदेव को भस्म कर दिया। ये भी एक कारण है कि सावन में शारीरिक संबंध और किस करने की मनाही होती है।
लोगों के हैं अलग-अलग मिथ
हालांकि सावन माह में संबंध बनाने के बारे में हिंदू धर्म के लोगों के अलग-अलग मत हैं। कुछ लोगों का मानना है कि सावन में संबंध बनाना अशुभ होता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सावन में शारीरिक संबंध बनाने से पाप नहीं लगता है, क्योंकि ये महीना प्रेम और रोमांस का होता है। गौरतलब है कि सावन में संबंध बनाने चाहिए या नहीं, ये प्रत्येक व्यक्ति का व्यक्तिगत मत है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।