क्यों मनाते हैं हरियाली तीज?
हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, हरियाली तीज की तिथि बेहद पुण्यदायी है। इस पावन तिथि को भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसलिए हिन्दू धर्म में महिलाएं इस व्रत को अखंड सौभाग्यवती होने के लिए करती हैं। मान्यता है कि इसे करने से पति की आयु बढ़ती है, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और पारिवारिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि में वृद्धि होती है।हरियाली तीज पर भूल से भी न करें ये 7 काम
- अशुद्ध वस्तुओं का स्पर्श: हरियाली तीज के दिन किसी प्रकार की अशुद्ध वस्तुओं जैसे चमड़ा, मदिरा, अंडा आदि के स्पर्श से बचना चाहिए अन्यथा व्रत भंग हो सकता है।
- झगड़ा और नकारात्मक विचार: इस तीज के दिन नकारात्मक विचारों को पास मत आने दें और किसी पर क्रोध न करें और न ही किसी से झगड़ा करना चाहिए।
- हरे और लाल रंग के कपड़ों का त्याग: हरियाली तीज के दिन हरे और लाल रंग के कपड़ों का त्याग करने से मां पार्वती नाराज हो जाती है। इससे सौभाग्य पर बुरा असर होता है।
- देवी-देवताओं का अपमान: हरियाली तीज के दिन शिव जी और मां पार्वती का किसी भी रूप अपमान नहीं होना चाहिए। साथ ही किसी अन्य देवी-देवताओं के सम्मान में भी कमी नहीं आनी चाहिए, अन्यथा व्रत का उल्टा असर होता है।
- निराहार और निर्जला रहना: यदि पहली बार हरियाली तीज कर रहे हैं, तो निराहार और निर्जला रहकर यह व्रत करें।
- किसी का अनादर: हरियाली के दिन किसी भी व्यक्ति पर क्रोध या उनका किसी रूप में अनादर नहीं करना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य का पालन: इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है, वरना व्रत का उल्टा प्रभाव जीवन पर पड़ सकता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।