TrendingUP T20 League 2024Uttarakhand Premier League 2024Duleep Trophy 2024:Haryana Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

Hariyali Teej 2024: हरियाली तीज पर क्यों झूलते हैं झूला? जानें धार्मिक मान्यता

Hariyali Teej 2024: सावन के पावन महीने में हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित इस दिन व्रत रखा जाता है और महिलाएं झूला झूलती हैं। चलिए जानते हैं साल 2024 में हरियाली तीज का व्रत कब रखा जाएगा।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Aug 5, 2024 16:06
Share :
हरियाली तीज 2024

Hariyali Teej 2024: हिंदू धर्म में प्रत्येक माह की तृतीया तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ देवी-देवताओं की आराधना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल सावन माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना की जाती है। साथ ही सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए ये व्रत रखती हैं। वहीं अविवाहित कन्याएं भी ये व्रत रखती हैं, ताकी उन्हें अच्छा वर मिल सके।

हरियाली तीज के दिन महिलाएं खासतौर पर झूला झूलती हैं, लेकिन क्या आपको ये पता है कि इस दिन झूला क्यों झूलते हैं। यदि नहीं, तो चलिए जानते हैं हरियाली तीज के दिन से जुड़ी परंपरा और धार्मिक मान्यता के बारे में।

हरियाली तीज कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 6 अगस्त 2024 को शाम 07 बजकर 52 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 07 अगस्त 2024 को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन शिव योग का संयोग बन रहा है। जो सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर अगले दिन तक रहेगा।

ये भी पढ़ें- Sawan 2024: 70 साल बाद हुआ 3 राशियों का भाग्योदय! श्रावण सोमवार पर बना अद्भुत संयोग

हरियाली तीज की पूजा विधि

  • हरियाली तीज के दिन प्रात: काल उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध हरे रंग के वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की साफ-सफाई करें।
  • मंदिर में एक चौकी रखें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • व्रत का संकल्प लें।
  • चौकी पर थाली रख के मिट्टी से भगवान शिव और देवी पार्वती की मूर्ति बनाएं।
  • मूर्ति बनाने के बाद पूजा की थाली तैयार करें और उसमें सुहाग का सामान रखें।
  • इस दौरान तीज की कथा सुनें।
  • अंत में देवी-देवताओं की आरती करें।

झूला झूलने का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने रखा था। इस व्रत के बाद ही उन्हें भगवान शंकर पति के रूप में प्राप्त हुए थे। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि सावन के दौरान सबसे पहले श्री कृष्ण ने राधा रानी को झूला झूलाया था। तभी से सावन के दौरान झूला झूलने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन झूला झूलते समय अपनी मनोकामना को बोलने से वो इच्छा सीधे श्री कृष्ण तक पहुंचती है। जो देर से ही सही पर पूरी जरूर होती है।

पुराणों में उल्लेख है कि हरियाली तीज के दिन भगवान शिव देवी पार्वती और श्री राम माता सीता को भी झूला झूलाते थे। इसी वजह से तीज के त्योहार को झूला झूलने के बिना अधूरा माना जाता है।

ये भी पढ़ें- Kaalchakra Today: सावन में 12 राशियों पर होगी पैसों की बारिश! पंडित सुरेश पांडेय से जानें महामृत्युंजय मंत्र जाप के नियम-लाभ

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Nidhi Jain

First published on: Aug 05, 2024 04:06 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें
Exit mobile version