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पूजा करते समय भूल से भी न करें ये 7 गलतियां, वरना नहीं मिलेगा फल

Mistakes In Worship: पूजा करने की अनेक विधियां और रीतियां हैं, लेकिन कुछ नियम शास्त्रोक्त हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं, उन 7 गलतियों के बारे में जिसे करने से आपको पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है।

Mistakes In Worship: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा ईश्वर के नजदीक पहुंचने और उनकी कृपा पाने का एक सनातन मार्ग है। पूजा के पहले, पूजा के दौरान और पूजा के बाद कुछ नियमों का पालन श्रद्धा और नियमपूर्वक करना चाहिए, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिलता है। यहां कुछ शास्त्रोक्त मान्यताओं की चर्चा की गई है, जिसके उल्लंघन से आपकी पूजा निष्फल हो सकती है। तुलसी पत्र तोड़ने के नियम तुलसी को हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। यह भगवान शिव को छोड़कर सभी देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है। शास्त्रों के मुताबिक, बिना स्नान किए हुए तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ने चाहिए, अन्यथा उसे देवता स्वीकार नहीं करते हैं। साथ ही, इससे ग्रह दोष भी लगते हैं। खुद न बुझाएं पूजा के दीप देवी-देवताओं के सामने दीपक जलाकर पूजा करना सर्वमान्य विधि है। यदि दीपक अपने-आप बुझ जाए तो भगवान से क्षमा मांगते हुए उसे फिर से प्रज्वलित कर लें। लेकिन भूल से भी देवताओं के सामने प्रज्वलित दीप को बुझाना नहीं चाहिए। इससे भाग्य का रास्ता बंद हो सकता है। शालिग्राम पर न चढ़ाएं ये चीज शालिग्राम को भगवान विष्णु का दूसरा घर माना गया है। इस पर केवल केसर, रोली या कुमकुम से रंगे हुए चावल चढ़ाए जाते हैं। शालिग्राम पर गलती से भी अक्षत यानी सफेद अरवा चावल नहीं चढ़ाने चाहिए। दीपक जलाने में न करें ये गलती यदि आप पूजा में एक से अधिक दीपक जला रहे हैं, तो कभी भी एक दीपक से दूसरे दीपक को नहीं जलाना चाहिए। यह बहुत अशुभ माना जाता है। कहते हैं, इससे व्यक्ति दरिद्र और रोगी हो जाता है। भगवान के स्नान में रखें इसका ध्यान यदि आप पूजा से पहले भगवान की प्रतिमा, विग्रह या मूर्ति को स्नान कराते हैं, तो यह अवश्य ध्यान रखें कि देवमूर्ति को स्नान कराते समय उन्हें अंगूठे से ना रगड़ें। आसन के साथ न करें ये काम यह देखा गया है कि पूजा करते समय जिस आसन साधक पर बैठते हैं, उसे पैरों से इधर-उधर खिसका लेते हैं। ऐसा करना अशुभ माना गया है। आसन को पैरों से नहीं बल्कि हाथों से खिसकाना चाहिए। वस्त्र की शुद्धता का रखें ध्यान यदि आप घर में पूजा कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आपके वस्त्र गंदे या पहने हुए न हों, हमेशा धुले हुए वस्त्रों में ही पूजा करनी चाहिए। यदि पूजा के दौरान शौच कर्म करना पड़े तो पहले वस्त्र को उतार कर रख दें, शौच कर्म कर लें, फिर स्नान या आत्मशुद्धि के बाद उस कपड़े को धारण कर पूजा कर सकते हैं। ये भी पढ़ें: हनुमान जी की फोटो कब, कहां और क्यों लगानी चाहिए? जानें तस्वीर कैसे बदलेगी तकदीर ये भी पढ़ें: देश का ऐसा मंदिर, जहां गैर-हिंदुओं की एंट्री बैन, फल-मिठाई की जगह चढ़ता है जैम का प्रसाद
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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