संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: भारत ने एकबार फिर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए जमकर फटकार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सम्मेलन में दुनियाभर के आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बने पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी। पवन कुमार बाधे ने कहा कि 'पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को माना है कि यह आतंकवादियों को पैदा करने का कारखाना है। पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के हनन का सबसे खराब रूप है।'
दुनियाभर के देशों के सामने पाकिस्तान के खतरनाक मंसूबों को उजागर करते हुए कहा है उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पेंशन प्रदान करता है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे ज्यादा संख्या भी इसी देश में है। यूएन में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने पाकिस्तान पर आंतकवाद को पनाह देने के साथ-साथ अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि यह भारत का अधिकार है कि वह मानवाधिकारों के उच्चायुक्त द्वारा यूएनएचआरसी (UNHRC) में मौखिक अपडेट के तहत पाकिस्तान और ओआईसी द्वारा दिए गए बयानों का जवाब दे।
बाधे ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस महत्वपूर्ण मंच का जानबूझकर दुरुपयोग किया है, जिसका उद्देश्य मानव अधिकारों के अपने गंभीर उल्लंघन से परिषद का ध्यान हटाना है। पाकिस्तान की ओर से यही काम लगातार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद ने खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को राज्य कोष से बाहर पेंशन देता है। पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी सबसे बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
पवन कुमार बाधे ने आगे कहा कि 'पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि यह आतंकवादियों के उत्पादन का कारखाना बन गया है। पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के हनन का सबसे खराब रूप है और आतंकवाद के समर्थक मानव अधिकारों का सबसे बुरा हनन करते हैं।'
बाधे ने यह भी सुझाव दिया कि परिषद को पाकिस्तान से यह पूछना चाहिए कि उनके वहां ईसाई, हिंदू और सिख जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की संख्या आजादी के बाद से क्यों कम हो गई है और वे क्यों और अन्य समुदाय जैसे अहमदिया, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूच के अधीन हैं। ब्रैकनियन ईशनिंदा कानून, प्रणालीगत उत्पीड़न और जबरन धर्मातरण हो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पवित्र और प्राचीन स्थलों पर हमला किया जा रहा है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों की पाकिस्तान में असाधारण हत्या कर दी जाती है। निंदा कानून लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। पाकिस्तान में हिंदू, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। इन सब मामलों में राज्य की सुरक्षा एजेंसियां भी इन सब मामलों में शामिल होती हैं।
यूएनएचआरसी के सम्मेलन में पाकिस्तान व इस्लामिक देशों के संगठनों के बयानों को भी पवन कुमार बाधे ने सिरे से खारिज कर दिया। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के संदर्भ ओआईसी के बयान को खारिज करता है और जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का उसका कोई अधिकार नहीं है, जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है।
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