नई दिल्ली: न्यूजीलैंड में भारतीय मूल के डॉ. गौरव शर्मा सांसद चुने गए हैं। उन्होंने नेशनल पार्टी के टिम मेकिंडो को 4386 वोटों से हराया। डॉ.गौरव शर्मा न्यूजीलैंड की संसद में संस्कृत में शपथ लेने की वजह से सुर्खियों में हैं। संसद में संस्कृत में ली गई शपथ का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
एक डॉक्टर से राजनेता बने डॉ शर्मा, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के निवासी हैं। उन्होंने सत्ताधारी लेबर पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हैमिल्टन वेस्ट से चुनाव जीता है।
जब एक ट्विटर यूजर ने शपथ-ग्रहण के लिए हिंदी के बजाय संस्कृत को चुनने के पीछे का कारण पूछा, तो डॉ. शर्मा ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो मैंने ऐसा सोचा था, लेकिन तब इसे पहाड़ी (मेरी पहली भाषा) या पंजाबी में करने का सवाल था? ऐसे में सभी को कैसे खुश रखा जा सकता था? संस्कृत में सभी भारतीय भाषाओं के प्रति श्रद्धा और निष्ठा का भाव है। उन भाषाओं के प्रति भी, जिन्हें मैं बोल नहीं सकता।
डॉ. शर्मा न्यूजीलैंड की संसद में संस्कृत में शपथ लेने वाले भारतीय मूल के पहले सदस्य हैं और विदेशों में संस्कृत में शपथ लेने वाले दुनिया के दूसरे राजनेता। साउथ अमेरिका के सूरीनाम देश के भारतीय मूल के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने जुलाई में अपने हाथों में वेदों की एक प्रति लेकर संस्कृत में शपथ ली थी। ट्विटर पर संस्कृत ने बुधवार रात ट्रेंड किया।
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