संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: अमेरिका में जो बाइडेन के सत्ता में आने से चीन खुश हो रहा था। लेकिन उसकी ये खुशी चंद दिनों में ही काफूर हो गई। जो बाइडेन की अमेरिका चीनी की किसी भी दादागिरी को बर्दास्त नहीं करेगा और पेंटागन ड्रैगन में मुंहतोड़ जवाब देगा।
इसी कड़ी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने वाशिंगटन की बीजिंग रणनीति का चार्ट बनाने के लिए एक पेंटागन टास्क फोर्स की घोषणा की है। साथ ही जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत के दौरान भी सख्त रूख अपनाया। व्हाइट हाउस के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने राष्ट्रपति जिनपिंग को साफ शब्दों में बता दिया है कि वह एक खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस बीज बीजिंग की बढ़ती शक्ति और आक्रामक रुख के मद्देनजर बाइडेन ने पेंटागन के दौरे के दौरान चीन की चुनौतियों से निपटने और भविष्य की प्रतिस्पर्धा में अमेरिकी लोगों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयास का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि 'हमें शांति बनाए रखने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और विश्व स्तर पर हमारे हितों की रक्षा के लिए चीन की ओर से बढ़ती चुनौतियों का सामना करने की जरूरत है।' साथ ही बाइडेन ने नए टास्क फोर्स के गठन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह तत्काल प्रभाव से काम करेगा। ताकि 'हम चीन से संबंधित मामलों पर मजबूती से आगे बढ़ सकें।'
पेंटागन में अपने भाषण के दौरान बाइडेन ने कहा कि चीन पर टास्क फोर्स हमारी रणनीति और ऑपरेशनल कॉन्सेप्ट, प्रौद्योगिकी, फोर्स पॉस्चर और बहुत कुछ देखने को देखेगा। व्हाइट हाउस ने उनके पेंटागन के भाषण के बाद जारी बयान में कहा कि शी के साथ वार्ता के दौरान, बाइडेन ने अमेरिकी लोगों की सुरक्षा, समृद्धि, स्वास्थ्य की रक्षा करने और स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को संरक्षित करने की अपनी प्राथमिकताओं पर जोर दिया।
उन्होंने बीजिंग के अनुचित आर्थिक नियम, हांगकांग में कड़ी प्रतिशोधात्मक कार्रवाई, शिनजियांग में मानवाधिकारों के हनन और ताइवान की ओर क्षेत्र में तेजी से मुखर कार्रवाई के बारे में अपनी बुनियादी चिंताओं को रेखांकित किया।
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