नई दिल्ली (राज कुमार)। पाकिस्तान की तस्वीर बदलने का वादा कर इमरान खान प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। इमरान ने देश से वादा किया था कि पाकिस्तान की शक्ल-ए-सूरत बदल दूंगा। लेकिन इमरान ने पाकिस्तान को कूड़ा-कूड़ा कर दिया है। कराची हो या इस्लामाबाद या फिर लाहौर हर जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। लाहौर की हालत इतनी बुरी हो गई है कि बागों के शहर में फूलों की खुशबू की जगह कूड़े की बदबू फैल गई है।
लाहौर में बड़े बड़े नेता रहते हैं, रसूखदार लोगों की कोठियां हैं, बड़े बड़े बाजार हैं, लेकिन अब लाहौर कूड़े का ढेर बन गया है। यहां की सड़क, चौक-चौराहों हर जगह कूड़े के ढेर लग गए है। पूरे शहर में दुर्गंध फैली हुई है। लाहौर का हाल ये हो गया है कि समझना मुश्किल हो गया है कि लाहौर में कूड़ा फैला है या कूड़े के ढेर में लाहौर बसा है।
लाहौर में सफाई का जिम्मा लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के पास है। कंपनी को एक तय समय में लाहौर की सड़कों, चौक-चौराहों से कूड़ा उठाना था लेकिन ना तय समय में लाहौर की सफाई हो पाई, ना कूड़ा उठा और न लाहौर वेस्ट मैनेटमेंट कंपनी ने कूड़ा उठाने का वादा पूरा किया। लाहौर में हाल ऐसा हो गया है कि लोगों को घर का दरवाजा खोलते ही सबसे पहले कूड़ा दिखता है। लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के एक-दो ट्रक कूड़ा उठाने में लगे हैं लेकिन कचरा इतना ज्यादा है कि ये सब नाकाफी साबित हो रहा है। लाहौर की फिजा बदबूदार हो गई है। जनता परेशान है इतनी परेशान कि कंगाल मुल्क में उसकी समस्या हर दिन, हर मिनट, हर सेकेंड बढ़ रही है।
कोरोना से छुटकारा मिला नहीं था कि कूड़े से बीमारियां फैलने का खतरा मंडराने लगा है। लाहौर की सड़कों पर फैला ये कचना इतनी बड़ी समस्या बन गया है कि कूड़ा पाकिस्तानी न्यूज चैनलों की हेडलाइंस तक बन गया है। इमरान खान ने आंखें जानबूझकर बंद कर ली हैं। ना भूख से मर रही जनता दिख रही है न कूड़ा-कूड़ा हो चुका पाकिस्तान।
पाकिस्तान अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिख रहा है। पाकिस्तान में कूड़े की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है, जिसका सबसे ज्यादा खामियाजा पाकिस्तान की जनता उठा रही है।
आज के समय में पाकिस्तान की जनता की सबसे बड़ी समस्या महंगाई और कचरा बन गया है। दरअसल लाहौर में साफ सफाई का जिम्मा लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी और तुर्की की कंपनी अल्बायर्क एंड ओज्पैक के पास है। साल 2011 में लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी को लाहौर का कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
कूड़ा ज्यादा होने की वजह से 3 नवंबर 2011 को तुर्की की कंपनी अल्बायर्क के साथ LWMC का कॉन्ट्रैक्ट हुआ था लेकिन अब लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट और तुर्की की अल्बायर्क के बीच घमासान छिड़ा हुआ है। मंगलवार को लाहौर पुलिस ने तुर्की की कंपनी पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान पुलिस और कंपनी के कर्मचारियों के बीच खूब बवाल हुआ था। जिसको लेकर तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तान से माफी तक की मांग कर दी थी। लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी का तुर्की की फर्म के साथ इंटरनेशनल कॉन्ट्रैक्ट है। लेकिन लाहौर पुलिस ने तुर्की की फर्म अल्बायर्क एंड ओज्पैक के सभी गैराज, गाड़ी, ट्रक, दफ्तर सील कर दिए हैं, जिससे तुर्की की फर्म में काम करने वाले पाकिस्तानी भी अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे है।
लाहौर में हर दिन 6 हजार टन कचरा निकलता है. जिसे अल्बायर्क और LWMC डंपिंग साइट पर भेजती हैं लेकिन विवाद के बाद तुर्की की फर्म ने काम करना बंद कर दिया है अब सिर्फ लाहौर वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी कूड़ा उठा रही है, जो नाकाफी साबित हो रहा है।
साल 2010 में लाहौर का कूड़ा उठाने के लिए 3 अरब रुपये का बजट था, जो 2019 में बढ़कर 16 अरब रुपये हो गया। अरबों का बजट खर्च करने के बाद भी लाहौर की सूरत हर दिन बदसूरत होती जा रही है।
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