संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि महाभियोग की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे उनके पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुफिया वर्गीकृत खुफिया जानकारी दिए जाने की जरूरत नहीं है। बिडेन ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि इसका क्या फायदा है। ये डर हमेशा रहेगा कि ट्रंप कहीं भी और कुछ भी गुप्त सूचना ज़ाहिर कर देंगे।
बिडेन ने कहा, "मैं सिर्फ यह सोचता हूं कि उनको खुफिया जानकारी की कोई आवश्यकता नहीं है। उनको खुफिया ब्रीफिंग देकर क्या फायदा? इससे उनपर क्या प्रभाव पड़ता है।"
नए डेमोक्रेटिक नेता ने ट्रंप के 6 जनवरी के विद्रोह के "असंवेदनशील व्यवहार से असंबंधित" का हवाला दिया, जब उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने समर्थकों को कांग्रेस में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि सांसदों को बिडेन की चुनावी जीत को प्रमाणित करने से रोका जा सके।
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि चुनाव उनसे चुराया गया था। हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले। मई 2017 में उन्होंने कथित तौर पर रूस के विदेश मंत्री और राजदूत के साथ एक बैठक में जानकारी साझा की, जिसमें अमेरिकी खुफिया ने सहयोगी को खतरे में डाल दिया था।
ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से अमेरिकी खुफिया निष्कर्षों पर सवाल उठाया कि 2016 के चुनाव में रूस ने हस्तक्षेप किया और उनके कार्यकाल में हैकिंग ऑपरेशन किया गया।
पूर्व राष्ट्रपति पर पहले ही कैपिटल विद्रोह को उकसाने के लिए प्रतिनिधि सभा द्वारा महाभियोग चल चुका है, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और एक पर मुकदमा चल रहा है।
उनपर पिछले साल पहली बार यूक्रेन में 3 नवंबर के चुनाव में अपने पक्ष में हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर करने के आरोपों पर महाभियोग लगाया गया था।
पूर्व राष्ट्रपति पारंपरिक रूप से खुफिया जानकारी के हकदार हैं, लेकिन कई ट्रंप आलोचकों ने आशंका व्यक्त की है कि वह एक ढीले हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सूचना को महत्वपूर्ण बनाती है और उन्हें डर है कि ट्रंप इसे लीक कर सकते हैं।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.