संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: अपनी हार नहीं मानने से जुड़े ट्वीट कर रहे ट्रंप की अमेरिका के सैन्य नेतृत्व में कई बदलाव करके अमेरिका में माहौल को असहज कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि हारने के बाद ट्रंप अमेरिका के सैन्य नेतृत्व के लिए जिम्मेवार पेंटागन में बदलाव क्यों कर रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार के बाद ट्रंप ने सबसे पहले सोमवार को रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को हटा दिया। उनकी जगह ट्रंप के विश्वासपात्र कहे जाने वाले क्रिस मिलर को लाया गया है। मिलर के आने के बाद ही लगातार कई हाई प्रोफाइल इस्तीफे होने शुरू हो गए हैं। रिक्त हो रहे स्थानों पर ट्रंप के पसंदीदा लोगों को जगह दी जा रही है।
एस्पर के बाद अगले ही दिन उनके चीफ ऑफ स्टॉफ जेन स्टीवर्ट, रक्षा नीति के सचिव जेम्स एंडरसन और इंटेलिजेंस सुरक्षा के सचिव जोसेफ कर्नन भी हटा दिए गए। उनकी जगह ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से जुड़े कुछ लोगों के अलावा अपने दूसरे विश्वासपात्रों की नियुक्ति की है।
सवाल है कि ट्रंप ऐसा क्यों कर रहे हैं जबकि उनके कार्यकाल में अब सिर्फ 70 दिन बचे हैं। लेकिन ट्रंप खुद को पराजित नहीं मानते और सूचना ये हैं कि अमेरिका की 21 लाख की सैन्य शक्ति को संभालने वालों की टीम में अगले कुछ दिनों में वे कुछ और बदलाव कर सकते हैं।
पेंटागन में किये जा रहे बदलाव की एक वजह ये बताई जा रही है कि ट्रंप सत्ता छोड़ने से पहले अपना 2016 का चुनावी वादा पूरा करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि अमेरिकी सेना की मध्य पूर्व और अफगानिस्तान से वापसी हो जाए।
ऐसा अब तक हो नहीं पाया है और इन नियुक्तियों को उनकी इस ख्वाहिश से जोड़कर देखा जा रहा है। कुछ लोगों को ये भी डर है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि ट्रंप दरअसल व्हाइट हाउस छोड़ना ही नहीं चाहते।
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