वाशिंगटन: एक साल का समय गुजरने को है और कोरोना महामारी जाने का नाम नहीं ले रही है। दुनिया चीन को कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार मानती है, लेकिन एक नए अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अध्ययन में ऐसे प्रमाण मिले हैं कि इटली में नवंबर 2019 में ही कोरोना वायरस पैर पसार चुका था।
हालिया अध्ययन में कहा गया है कि इटली में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस बीमारी से कुछ महीने पहले नवंबर 2019 के अंत तक मिलान क्षेत्र के एक बच्चे में कोरोना संक्रमण होने के प्रमाण मिले हैं।
अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की ओर से प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इटली और कनाडा के शोधकर्ताओं ने 39 रोगियों से उनकी सहमति के साथ सितंबर 2019 से फरवरी 2020 तक एकत्र ऑरोफरीन्जल स्वाब नमूनों का विश्लेषण किया। इस दौरान मिलान के आसपास के इलाके में रहने वाले चार वर्षीय बच्चे के नमूने का परीक्षण किया गया, जिसमें वह पॉजिटिव था। उस बच्चे का कोई यात्रा इतिहास भी नहीं था।
बच्चे को 21 नवंबर, 2019 को खांसी और जुमाक की शिकायत हुई थी और उसका नमूना (सैंपल) लक्षण शुरू होने के दो सप्ताह बाद पांच दिसंबर को लिया गया था।
अध्ययन में कहा गया है कि ये निष्कर्ष यूरोप में कोविड-19 की शुरूआत होने के अन्य सबूतों के साथ इसके शरद (पतझड़) ऋतु के अंत तक होने का प्रमाण पेश करते हैं। यह निष्कर्ष इटली में कोरोना की पहली लहर की तेजी को समझाने में भी मदद करेगा।
इटली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में 16,999 अन्य लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। नवंबर के अंत से यहां दैनिक तौर पर मिलने वाले मामले घटे हैं।
हालिया कोरोना संक्रमण के आंकड़ों से पता चलता है कि इटली में संक्रमण की दूसरी लहर अब कुछ धीमी दिखाई दे रही है।
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