नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले महीने लीबिया में सात भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया और सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है।
आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और उत्तर प्रदेश के सात लोग निर्माण और तेल आपूर्ति में काम कर रहे थे और 14 सितंबर को अश्वारिफ नामक स्थान से उनका अपहरण कर लिया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जब वे अपहरण किए गए थे, तब सभी भारत लौटने के लिए त्रिपोली में हवाई अड्डे पर गए थे।
विदेश मंत्रालय लीबिया सरकार और उनकी रिहाई के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के संपर्क में है। ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास भी उनकी रिहाई को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहा है।
सरकार ने कहा कि यह सूचित किया गया है कि सभी सात भारतीय सुरक्षित हैं, उनकी तस्वीरें दिखाई गई हैं और मंत्रालय अपहरण किए गए लोगों के परिवारों के साथ भी संपर्क में है।
उन्होंने कहा, "सरकार उनके परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क में है और उन्हें आश्वस्त करना चाहती है कि हम लीबिया के अधिकारियों और परामर्श व समन्वय में हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हमारे नागरिकों का पता लगाने के लिए और जल्द से जल्द उनकी रिहाई को सुरक्षित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।"
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार ने सितंबर 2015 में सुरक्षा स्थिति को देखते हुए लीबिया की यात्रा नहीं करने को लेकर एक एडवाजरी जारी की थी। इसे 2016 में लीबिया की यात्रा पर पूर्ण प्रतिबंध में बदल दिया गया था और यह प्रतिबंध अब भी लागू है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपहृत लोगों की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी प्रयास कर रही है।
यह पहली बार नहीं है कि लीबिया में भारतीयों का अपहरण किया गया है। 2015 में भी इसी तरह की घटना सामने आई थी, जब चार भारतीयों को अगवा कर लिया गया था और बाद में रिहा कर दिया गया था। एक अन्य घटना में 39 मजदूरों को आईएसआईएस ने मोसुल में अगवा कर लिया था।
2011 में उत्तरी अफ्रीका में तेल समृद्ध देश लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी के चार दशक के शासन के पतन के बाद से बड़े पैमाने पर हिंसा और अशांति फैली हुई है।
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