संजीव त्रिवेदी, नई दिल्ली: व्लादिमीर पुतिन के साल 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। रूस के सांसदों ने उस कानून को पारित कर दिया है जिसके तहत पुतिन 2036 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। इस कानून के पास होने से एक तरह से व्लादिमीर पुतिन आजीवन राष्ट्रपति रहने के करीब पहुंच गए हैं। पुतिन का कार्यकाल 2024 तक रहने वाला था लेकिन पिछले साल जन समर्थन के साथ रूस के संविधान को बदल दिया गया और दो और कार्यकालों के लिए पद पर बने रहने का उनका रास्ता साफ हो गया। इस कानून को पहले रूसी संसद के निचले सदन से पारित किया और अब इसे उच्च सदन से भी मंजूरी मिल गई है।
खबरों के मुताबिक, इस विधेयक को संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने एक हफ्ते पहले ही मंजूरी दे दी थी। अब उम्मीद है कि जल्द ही राष्ट्रपति पुतिन भी इस कानून पर हस्ताक्षर कर देंगे। चुनाव को लेकर बनाए गए कानून का ड्राफ्ट जुलाई 2020 में किए गए राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह में अपनाए गए संवैधानिक संशोधनों का अनुसरण करके बनाया गया था।
206 संवैधानिक संशोधनों में से एक के तहत पद पर विराजमान देश का प्रमुख बिना पिछली शर्तो का पालन किए 2 बार और राष्ट्रपति पद ले सकता है। बुधवार को ऊपरी सदन द्वारा संशोधन को मंजूरी देने के बाद पुतिन को 2024 में फिर से अपना राष्ट्रपति पद शुरू करने और फिर 2036 तक 2 और कार्यकाल पाने की सुविधा मिल गई है।
आपको बता दें कि व्लादिमीर पुतिन ने साल 2000 में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की थी जब बोरिस येल्टसिन ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वह 2004 में फिर जीते और 2008 में प्रधानमंत्री बन गए जब दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति थे। 2012 में पुतिन 6 साल के लिए राष्ट्रपति पद पर लौटे और मेदवेदेव पीएम हुए। वह साल 2018 में चौथे कार्यकाल के लिए लौटे लेकिन बिना संवैधानिक संशोधन के 2024 में लौटना मुश्किल था।
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