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News24
नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। समाचार एजेंसी एएनआई ने इस संबंध में जानकारी सार्वजनिक की है।
बता दें कि यूक्रेन ने शुक्रवार को कहा था कि वह रूस से वार्ता के लिए तैयार है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मायखाइलो पोडोलीक के हवाले से लिखा है कि- यूक्रेन शांति चाहता है और रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार है, जिसमें नाटो के संबंध में तटस्थ स्थिति भी शामिल है।
उन्होंने एक संदेश के माध्यम से कहा, 'यदि बातचीत संभव है, तो उसे आयोजित किया जाना चाहिए। अगर वे कहते हैं कि वे NATO पर तटस्थ स्थिति सहित सभी मुद्दों पर मास्को में वार्ता करना चाहते हैं, तो हम इससे डरते नहीं हैं। हम इसके बारे में भी बात कर सकते हैं। बातचीत के लिए हमारी तत्परता शांति की हमारी निरंतर खोज का हिस्सा है।
गौरतलब है कि इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के प्रस्ताव पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन एक प्रतिनिधि मंडल भेजने के लिए तैयार हो गए हैं। ये वार्ता बेलारूस की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मिन्स्क में होगी। रूस द्वारा मान्यता प्राप्त समाचार एजेंसी आरटी ने इस बारे में जानकारी सार्वजनिक की है।
गौरतलब है कि मिन्स्क में ही पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों और यूक्रेन की सेना के बीच खूनी संघर्ष के बाद 2014 में और 2015 दो समझौते हुए थे। ये समझौता रूस, यूक्रेन, जर्मनी और फ़्रांस के नेताओं की मौजूदगी में हुआ था। इसके तहत उन इलाकों में शांति बहाल करने के लिए क़दम उठाए जाने थे, जिन पर रूस समर्थक अलगाववादियों ने क़ब्ज़ा कर लिया था।
बता दें कि इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शुक्रवार को अहम बयान जारी करते हुए कहा है कि मॉस्को कीव के साथ बातचीत के लिए तैयार होगा। लेकिन उन्होंने इसके लिए शर्त रखते हुए कहा है कि ऐसा तभी होगा जब यूक्रेन की सेना हथियार डाल देगी।
लावरोव का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से इस मामले में चर्चा करने की अपील की है। खबरों के मुताबिक राष्ट्रपति पुतिन ने भी शी जिनपिंग से इस मामले में उच्च स्तरीय वार्ता में शामिल होने का आश्वासन दिया। हालांकि यूक्रेन इससे पहले रूस के आगे ना झुकने और आखिर तक लड़ने की बात कह चुका है।
गौरतलब है कि रूस ने गुरुवार को पश्चिम और अन्य देशों द्वारा कई प्रतिबंधों के बावजूद यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया। वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, 'मैंने 27 यूरोपीय नेताओं से पूछा कि क्या यूक्रेन को नाटो में होना चाहिए। वे सब डरे हुए हैं, लेकिन हम डरते नहीं हैं। हम रूस से बात करने से नहीं डरते। हम अपने राज्य के लिए सुरक्षा गारंटी के बारे में बात करने से नहीं डरते।'
इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर संकट के शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन में रहने वाले 20,000 भारतीयों में से 4,000 को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
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