नई दिल्ली: सेंट्रल एशिया की जंग में ISIS के लड़ाकों की एंट्री ने रूहानी का पारा हाई कर दिया है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने दो टूक चेतावनी दी है कि इस इलाके में आतंकियों की मौजूदगी को ईरान कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। राष्ट्रपति रूहानी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान संघर्ष के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया।
रूस के साथ-साथ ईरान ने भी कट-टू-कट चेतावनी देकर अपना स्टैड क्लियर कर दिया है। रूहानी न तुर्की से दुश्मनी करना चाहते हैं और न ही रूस से, लेकिन उन्होंने बता दिया है कि वो आतंकियों के साथ कतई नहीं हैं।
ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने कहा, 'हमें सजग रहना है कि अज़रबैजान और आर्मीनिया की ये लड़ाई इस इलाक़े की लड़ाई ना बन जाए। ईरान की मिट्टी पर ग़लती से भी मिसाइल या गोले गिरे तो हम बड़ा जवाब देंगे। हम यहां आतंकियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
रूहानी की फिक्र इसलिए है क्योंकि सेंट्रल एशिया का महायुद्ध ईरान की सीमा पर ही चल रहा है और कुछ रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था कि अर्मीनिया और अज़रबैजान की सीमा से लगने वाले ईरान के कुछ गांवों में गोले गिरे हैं।
विवादित नागोर्नो-करबाख क्षेत्र पर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 10वें दिन लड़ाई में सैकड़ों नागरिक और सैनिक मारे गए हैं। ईरान अपनी पश्चिमोत्तर सीमा आर्मेनिया और अजरबैजान दोनों के साथ साझा करता है और दोनों देशों के साथ अच्छे राजनयिक संबंध हैं।
ईरानी समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि मोर्टार के गोले ईरानी सीमावर्ती गांवों और कस्बों में गिरे हैं, जिससे इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और एक छह वर्षीय बच्चा घायल हो गया।
रूहानी ने यह भी चेतावनी दी कि तेहरान किसी भी बहाने ईरान की सीमाओं के लिए "आतंकवादी" भेजने वाले किसी भी देश को बर्दाश्त नहीं करेगा।
तुर्की पर अज़रबैजान के समर्थन में क्षेत्र में सीरियाई लड़ाकों को भेजने का आरोप लगाया गया है।
नागोर्नो-करबाख मुख्य रूप से जातीय आर्मेनिया क्षेत्र, जो अज़रबैजान के अंदर है।
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