नई दिल्ली: नाम रॉबिन रिहाना फैन्टी और फैन्टी इनका ब्यूटी प्रोडक्ट है। करोड़ों फैंस, साथ-साथ ब्यूटी प्रोडक्ट का प्रचार....इसलिए बड़े बाजार पर मारा बड़ा हाथ। ये हम नहीं कह रहे हैं, लेकिन जब कोई सेलिब्रिटी ट्टीट कर विवादों में आ जाए तो फिर उसका स्कैन करना जरूरी है। अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किए लेकिन क्या सच में किसानों से रिहाना की हमदर्दी है या फिर इसके पीछे कोई और है जो किसान आंदोलन और सरकार के बीच की दूरी को और बढ़ाना चाहता है। ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि द प्रिंट ने एक रिपोर्ट छापी है।
रिहाना को किसान आंदोलन के समर्थन में पोस्ट करने के लिए 2.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 18 करोड़ रुपए दिए गए। रिपोर्ट के मुताबिक स्काई रॉकेट नाम की पीआर फर्म ने रिहाना को किसान आंदोलन के समर्थन में पोस्ट डालने के लिए करोड़ों रुपये दिए और इस पीआर फर्म को कनाडा की पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन ने एक ग्लोबल कैंपेन के जरिए हायर किया और इस ग्लोबल कैंपेन को कनाडा स्थित एक्टिविस्ट और राजनीतिज्ञों ने सपोर्ट किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक रिहाना को पैसे देने वाली पीआर फर्म का डायरेक्टर धालीवाल है। यह भी कहा जा रहा है कि धालीवाल ने ही उस टूलकिट को बनाया था, जिसे ग्रेटा थनबर्ग ने अपनी पोस्ट में शेयर किया ।
धालीवाल खालिस्तान समर्थक है और उसने पिछले साल सितंबर में एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस बात को स्वीकार किया था और पॉप सिंगर रिहाना भी सिर्फ करोड़ों के लालच में बिना सोचे समझे उस विदेशी प्रोपेगैंडा का हिस्सा बन गईं, जिसने किसान आंदोलन को बदनाम करने का काम किया। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि रिहाना का नाम विवाद से जुड़ा हो, पॉप सिंगर रिहाना का विवादों से पुराना और गहरा नाता रहा है।
2012 में रेहाना के इस ट्वीट पर जमकर बवाल हुआ था... जब रेहाना ने अश्वेतों को समर्थन देने के चक्कर में ईश्वर को भी अश्वेत होने की बात कही थी। 2017 में रेहाना ने अपने ब्यूटी प्रोडक्ट फेन्टी के प्रमोशन के लिए मुस्लिम महिलाओं के हिजाब का इस्तेमाल फैशन शो में किया था। जिस पर मुस्लिम समुदाय ने अपनी जबरदस्त नाराज़गी जताई थी। आबू धाबी के शेख ज़ायेद ग्रैंड मॉस्क में भी कम कपड़े पहनकर जाने के लिए रेहाना को बेइज्जती का सामना करना पड़ा था। रिहाना को मस्जिद से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था और अब किसान आंदोलन को बदनाम करने का हथियार बनने के बाद भी रेहाना का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आ रहा है।
रिहाना की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं। जिसमें सिंगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के असिस्टेंट और कैबिनेट मंत्री जुल्फी बुखारी के साथ दिखाई दे रही हैं... इस पर सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें लगातार ट्रोल कर रहे हैं। यहां तक कि लोग उन्हें पाकिस्तानी भी कह रहे हैं। देश के किसान कृषि कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए क्या सच में रिहाना के जरिए साजिश रची गई। इधर जांच एजेंसियों को शक है कि आंदोलन को भड़काने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने फंडिंग की है।
रिहाना को ट्वीट के 18 करोड़ रुपये किसने दिए और रुपये कहां से आए इस बात के पुख्ता सबूत अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन ये भी सच है कि अगर धुआं उठा है तो कहीं न कहीं आग तो लगी है क्योंकि सेलीब्रिटीज एक-एक ट्वीट के करोड़ों रुपए लेते हैं ये सच किसी से छिपा नहीं है।
दिग्गज फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो प्रति ट्वीट करीब 6.2 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं
स्पेनिश फुटबॉलर आंद्रेस इनिएस्ता का नाम दूसरे नंबर पर हैं... उनका एक ट्वीट 4.3 करोड़ रुपये का पड़ता है
ब्राजील के स्टार स्ट्राइकर जूनियर नेमार एक ट्वीट के लिए 3.5 करोड़ रुपये लेते हैं
अमेरिकन बास्केटबॉलर लेब्रोन जेम्स प्रति ट्वीट 3.4 करोड़ रुपये लेते हैं
इंस्टाग्राम से कमाई के मामले में अमेरिकी मॉडल काइली जेनर सबसे आगे हैं...
काइली जेनर एक प्रमोशनल पोस्ट के 8.73 करोड़ रूपए चार्ज करती हैं
अमेरिकी सिंगर एरियाना ग्रांडे एक प्रमोशनल पोस्ट के लिए 6.86 करोड़ रूपए चार्ज करती हैं
सोशल मीडिया में पॉप सिंगर रेहाना भी काफी पॉपुलर हैं और उन्हें एक पोस्ट के बदले तरीबन साढ़े तीन करोड़ की रकम मिलती है
अब ये सोचने वाली बात है कि जिसको एक ट्वीट करने के लिए तीन करोड़ रुपए मिलते हों, जो पैसे लेकर ट्वीट करता हो तो उसे भला किसानों से कैसे हमदर्दी हो। ये बात गले के नीचे उतरती नहीं है । कहा जा रहा है कि रिहाना को किसान आंदोलन पर पोस्ट करने के लिए उनकी कीमत से सात गुना ज्यादा रकम दी गई। क्या सच में रेहाना को इसके लिए मोटी रकम दी गई या फिर रिहाना के इस ट्वीट के पीछे उनका प्रोडक्ट है या सच में अमेरिकी पॉप स्टार को हिन्दुस्तान के किसानों से प्यार हो गया है, लाख टके का सवाल है?
भारत में बच्चों का शोषण करती है रिहाना की कंपनी
भले ही रिहना भारत के किसानों के शोषण पर भाषण दे रही हैं, लेकिन वो खुद मेहनतकशों का शोषण करती हैं। किसान आंदोलन का समर्थन कर रहीं रिहाना की फैशन ब्रांड कंपनी फेंटी के लिए बच्चों से मजदूरी करवाई जाती है। उनकी जिंदगी को खतरे में डाला जाता है। जिन खदानों से उनके ब्यूटी प्रोडक्ट के लिए रॉ मटेरियल माइका 4 निकाला जाता है। वो ज्यादातर भारत के झारखंड में हैं और वहां छोटे छोटे बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। यानि रेहाना अपनी कमाई के लिए बाल मजदूरी करवाती हैं। जो न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि अनैतिक भी।
लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी नाम के एक एनजीओ ने रिहाना की कंपनी के खिलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायत दी है। जिसमें आरोप लगाया है कि रिहाना की कंपनी फेंटी ब्यूटी झारखंड के कोडरमा और गिरिडीह के खदानों से निकलने वाला माइका-4 का इस्तेमाल करती है और वहां बच्चों को शोषण होता है। शिकायत करने वाले विनय जोशी ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से रिहाना की कंपनी की जांच की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि फेंटी ब्यूटी बच्चों के जरिए से झारखंड के खदानों से ब्लड माइका निकलवाती हैं। जहां बच्चों को ख़तरनाक परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। शिकायत में मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये भी दावा किया गया है कि रिहाना की कंपनी फेंटी ब्यूटी ने सप्लाई चेन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट भी हासिल नहीं किया है।
जिस माइका से रेहाना की कंपनी मालामाल हो रही है...उस माइका की सबसे बड़ी मार भारत के बच्चों को ही झेलनी पड़ रही है...मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों में झारखंड के कोडरमा और गिरडीह में माइका की खदानों में 19 मौतें हुईं...लेकिन आधिकारिक पुष्टि सिर्फ 6 मौतों की ही हो पाई। यानि रिहाना जैसे पैसेवालों की कंपनियां न सिर्फ भारत के बच्चों को मौत के घाट उतार रही है....बल्कि मौत का आंकड़ा छुपाने के लिए भ्रष्टाचार का भी सहारा लेती है।
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